सीहोर, अग्निपथ. सीहोर जिले का इछावर सिविल अस्पताल आज प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की सफलता की एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया है, जबकि वहीं सीहोर जिला चिकित्सालय अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार काम किया जा रहा है, और इछावर का यह अस्पताल इन प्रयासों का जीवंत उदाहरण है।
इछावर सिविल अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 400 मरीज ओपीडी सेवाओं का लाभ लेने आते हैं, जिनमें से 20 से 30 मरीजों को भर्ती किया जाता है। खास बात यह है कि यहां प्रतिदिन औसतन 5 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी कराई जाती है, जो महिला स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
महिला एवं बाल स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
यह अस्पताल महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष ध्यान देता है। हर दिन 15 से 20 गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच की जाती है और 3 से 4 महिलाओं का ऑपरेशन भी सफलतापूर्वक संपन्न होता है। इसके अलावा, अस्पताल ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों की पहचान के लिए भी सक्रिय है, जहां प्रतिदिन 30 से 40 मरीज अपनी जांच करवाने आते हैं। इस अस्पताल में लगभग 80 मरीजों की 200 पैथोलॉजिकल जांचें प्रतिदिन की जाती हैं, जो इसकी तकनीकी दक्षता और संसाधनों की उपलब्धता को प्रमाणित करता है।
इछावर सिविल अस्पताल आयुष्मान भारत और कायाकल्प योजना में अग्रणी
इछावर सिविल अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में भी राज्य में अग्रणी स्थान पर है। इस अस्पताल में अब तक लगभग 7060 मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज मिल चुका है और प्रतिदिन 8 से 10 नए मरीज इसका लाभ ले रहे हैं। एक्स-रे जैसी सुविधाएं भी यहां लगातार उपलब्ध हैं, जहां प्रतिदिन 15 से 20 मरीजों का परीक्षण किया जाता है।
अस्पताल को उसके समर्पित कार्यों के लिए राज्य सरकार की कायाकल्प योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2020-21 में तीन बार प्रथम पुरस्कार मिल चुका है। इन पुरस्कारों के साथ 15 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी गई, जो इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण है।
सीहोर जिला अस्पताल को सीखने की आवश्यकता
एक ओर जहां इछावर सिविल अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, वहीं सीहोर जिला चिकित्सालय अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा चर्चा में रहा है। आज यह आवश्यक है कि सीहोर जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक और स्टाफ इस तहसील स्तर पर संचालित चिकित्सालय से सीख लें। उन्हें ऐसी स्थिति निर्मित करनी चाहिए कि जिला चिकित्सालय भी गुणवत्ता और सेवाओं के लिए पुरस्कार प्राप्त करे और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।