धार: मांडू में कांग्रेस का ‘नव संकल्प शिविर’, मिशन 2028 पर मंथन

नव संकल्प शिविर

 

धार, अग्निपथ. धार जिले के मांडू में सोमवार, 21 जुलाई से कांग्रेस विधायकों का दो दिवसीय “नव संकल्प शिविर” शुरू हो गया है। रविवार रात तक सभी विधायक मांडू पहुँच चुके थे। इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 12 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें वरिष्ठ नेता, राजनीतिक विशेषज्ञ और प्रेरक वक्ता विधायकों को संबोधित करेंगे।

मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने धार में पत्रकारों को शिविर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य मिशन 2028 की तैयारी करना है, जिसके तहत विधायकों को नई सोच और नई रणनीति के साथ जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के गुर सिखाए जाएँगे। संसद सत्र शुरू होने के कारण राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाएँगे, लेकिन वे 21 या 22 जुलाई को किसी भी दिन वर्चुअली जुड़कर विधायकों को संबोधित कर सकते हैं।

नई सोच और डिजिटल रणनीति पर जोर

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने बताया कि शिविर में कांग्रेस की नई सोच-नई रणनीति, मिशन 2028 और राज्य की जनता से जुड़े मुद्दों पर विधायकों के साथ गहन मंथन किया जाएगा। विधायकों को चुनाव प्रबंधन, रणनीति, जमीनी कामकाज और सोशल मीडिया की ताकत के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने जोर दिया कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक सशक्त राजनीतिक हथियार बन चुका है, और विधायकों को सूचनाओं का प्रभावशाली इस्तेमाल कर चुनावी रणनीति को धार देने के तरीके बताए जाएँगे।

भाजपा की विफलताओं और प्रदेश की बिगड़ती व्यवस्था पर चर्चा

शिविर के दौरान भाजपा सरकार की विफलताओं, भ्रष्टाचार, घोटालों और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी गहन मंथन होगा। आगामी विधानसभा सत्र में कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर सरकार को घेरने की रणनीति तय करेगी। सिंघार ने स्पष्ट किया कि यह केवल ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं है, बल्कि मिशन 2028 की तैयारी के तहत एक नव संकल्प शिविर है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से न सिर्फ पार्टी संगठन मजबूत होगा, बल्कि मजबूती के साथ सड़क से लेकर सदन तक जनता के मुद्दे उठाए जाएँगे।

समूह चर्चा और राहुल गांधी का वर्चुअल संबोधन

दोपहर 3 से 4 बजे के बीच 10-10 विधायकों के समूह बनाकर चर्चाएँ होंगी, जिनमें अनुसूचित जाति (ST), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के विधायक अलग-अलग विषयों पर मंथन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। पहले दिन के अंतिम सत्र (शाम 4 से 5 बजे) में राहुल गांधी वर्चुअली संबोधन दे सकते हैं। इस सत्र में 2028 के विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीतिक चर्चा होगी, जिसमें संगठन सृजन अभियान और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर भी बात होगी।

शिविर का विस्तृत कार्यक्रम: कौन क्या सिखाएगा?

21 जुलाई: पहला दिन

  • सुबह 10 बजे: उद्घाटन सत्र की शुरुआत ध्वजारोहण और सेवा दल द्वारा राष्ट्रगान से होगी।
  • 10:15 बजे (45 मिनट): स्वागत सत्र में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेता शिविर के बारे में परिचयात्मक जानकारी देंगे।
  • सुबह 11 बजे: मोटिवेशनल स्पीकर सोनू शर्मा विधायकों को जनप्रतिनिधि की भूमिका, नेतृत्व, अनुशासन और संगठनात्मक एकता पर संबोधित करेंगे।
  • दोपहर 12 बजे: राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा फर्जी मुकदमों और जाँच एजेंसियों के दुरुपयोग से संवैधानिक प्रतिरोध के उपायों पर मार्गदर्शन देंगे।
  • 1:45 बजे (लंच ब्रेक के बाद): कांग्रेस के मीडिया और कम्युनिकेशन विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा मीडिया मैनेजमेंट के गुर सिखाएँगे। वे विधायकों को बताएँगे कि कैसे कम्युनिकेशन के माध्यम से कांग्रेस की विचारधारा को मजबूती से प्रस्तुत किया जाए और नैरेटिव (कथा) सेट किया जाए।
  • 2:15 बजे: विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसराणी विधायकों को सत्ता पक्ष पर रणनीतिक प्रहार की रणनीति सिखाएँगे। वे सरकार की विफलताओं पर आरटीआई, ऑडिट रिपोर्ट और विधानसभा के नियमों के जरिए घेरने की बारीकियों को समझाएँगे।

22 जुलाई 2025: दूसरा दिन

  • पहले सत्र: राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन कांग्रेस के मूल सिद्धांतों, वैचारिक दिशा, संविधानवाद, धर्मनिरपेक्षता, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय पर फिर से कैसे जुड़ाव हो, इस पर संबोधित करेंगे।
  • दोपहर 12 बजे: कांग्रेस की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की संघर्ष गाथा पर केंद्रित एक वीडियो दिखाया जाएगा।
  • दोपहर 12:30 बजे: सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत डिजिटल और सोशल मीडिया पर रणनीति बताएँगी। वे एक्स (X), फेसबुक के प्रभावी उपयोग, शॉर्ट वीडियो बनाने, ट्रोलिंग से निपटने और डिजिटल इमेज तैयार करने के तौर-तरीकों पर जानकारी देंगी।
  • दोपहर 1:30 से 2:30 बजे: लंच ब्रेक होगा।
  • 2:30 बजे (करीब 90 मिनट): विधायकों के लिए ओपन सेशन रखा गया है, जिसमें विधायक अपनी जमीनी चुनौतियों, अनुभव और रणनीतिक सुझाव साझा करेंगे।

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