शहर में लागू होने वाले मास्टर प्लान को लेकर मंत्री डॉ. मोहन यादव एक ओर हैं तो पार्टी के दूसरे नेता उनके सामने खड़े हैं। मंत्री यादव सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाउदखेड़ी ग्राम पंचायत की भूमि को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त करने के पक्ष में हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री पारस जैन इस मामले में ठीक उनके विरोध मेें खड़े हैं।
पूर्व मंत्री जैन का बैठक में ही कहना था कि मंगलनाथ से लेकर शनि मंदिर तक शिप्रा नदी के किनारों को सिंहस्थ के लिए सुरक्षित कर दिया जाए। सबसे ज्यादा विवाद सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी व दाउदखेड़ी के आसपास की जमीनों को लेकर छिड़ा हुआ है। वर्तमान में यहां पर कई कॉलोनियां बन गई हैं और वहां पर लोग बस भी गए हैं।
मास्टर प्लान को लेकर मंत्री मोहन यादव के समर्थक सोशल मीडिया पर एकाएक सक्रिय हो गए हैं। उनके समर्थक सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सांवराखेड़ी, जीवनखेड़़ी व दाउदखेड़ी ग्राम पंचायत की भूमि पर कभी सिंहस्थ लगा ही नहीं। ब्लैकमेलरों द्वारा अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। ऐसा लग रहा है कि मंत्री समर्थकों को कहीं से इस तरह के निर्देश मिले हैं। सभी की भाषा भी एकसमान ही नजर आ रही है।