पोलायकला, अग्निपथ। श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर पोलायकला के ग्राम मोरटाकेवड़ी स्थित हिमालेश्वर धाम में शिव भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर विशाल कन्या भोज, कलश यात्रा और कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।
“शंकर भोलेनाथ हैं, हमारा तुम्हारा शिव जगत के पालनहार, अपने भक्तों का सदा करते हैं उद्धार” – इसी भावना के साथ हर कोई भक्त शिव की भक्ति में लीन नजर आया। ग्राम मोरटाकेवड़ी की महिला मंडल के तत्वावधान में आयोजित इस विशाल कलश व कांवड़ यात्रा में भक्तों ने 100 किलोमीटर का पैदल मार्ग तय कर बड़े महादेव नरसिंहगढ़ और माँ शिप्रा रामघाट उज्जैन के जल से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। पूरे मार्ग में भक्ति भजनों की गूंज ने यात्रा को एक अलौकिक रूप दिया।
मोरटाकेवड़ी से निकली इस भव्य कांवड़ और महिला मंडल द्वारा निकाली गई कलश यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिमालेश्वर धाम में जलाभिषेक किया। यह यात्रा राम मंदिर से प्रारंभ होकर बस स्टैंड, मैन मार्केट, सत्ती चौक, बाड़ी चौक होते हुए 3 किलोमीटर का पैदल मार्ग तय कर हिमालेश्वर धाम पहुँची, जहाँ कलश के जल से बाबा का जलाभिषेक किया गया। ग्रामवासियों द्वारा कलश यात्रा पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। भक्ति और आस्था के माहौल में श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों और डीजे भजनों के साथ जमकर नृत्य किया।
विशाल कन्या भोज और भंडारे का आयोजन
श्रावण मास के तीसरे सोमवार के पावन अवसर पर, भक्त मंडल मोरटाकेवड़ी द्वारा कांवड़ कलश यात्रा के साथ एक हजार कन्या भोज और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इसमें सभी विद्यालयों से कन्याओं को एकत्रित कर एक हजार कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें तिलक लगाकर दक्षिणा प्रदान की गई। इसके पश्चात दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी मंदिर परिसर में सामूहिक भोजन प्रसादी ग्रहण कराई गई।
आयोजकों ने बताया कि यह कार्य कन्या भोज के साथ धर्म, सेवा, सामाजिक समरसता और शिवभक्ति का प्रतीक है, और प्रतिवर्ष इसे और अधिक भव्यता के साथ आयोजित किया जा रहा है। इस पूरे आयोजन में कन्या भोज समिति के सभी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों का विशेष सहयोग रहा।
