सीहोर, अग्निपथ। मंगलवार को सीहोर में शहरवासियों, सकल हिंदू समाज, और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया। उनका मुख्य उद्देश्य प्राचीन गणेश मंदिर के पुजारी को कथित तौर पर हथियार के दम पर धमकी देने और गाली-गलौज करने वाले आरोपी महेश यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 119, 300, 302 जोड़ने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग करना था। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इन धाराओं का इजाफा नहीं किया गया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसमें देश के पुजारी संघ, संत समाज, करणी सेना, विश्व हिंदू परिषद, और सभी धार्मिक व सामाजिक संगठन शामिल होंगे। इस संबंध में जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
ज्ञापन का वाचन करते हुए डॉ. गगन नामदेव ने बताया कि शनिवार दोपहर को शहर के प्रसिद्ध गणेश मंदिर में पुजारी के बेटे और सेवक को हथियार के दम पर धमकाने और गाली-गलौज करने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। आरोपी के खिलाफ सख्त सजा की मांग जोर-शोर से उठ रही है। पीड़ित परिवार के समर्थन में सकल हिंदू समाज ने एकजुटता दिखाई है। नगर पुरोहित चिंतामण गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पृथ्वी बल्लभ दुबे के पक्ष में सनातन धर्म के सभी समाज एकजुट हैं और उनका कहना है कि आरोपी महेश यादव के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई है।
पुलिस ने आरोपी पर केवल जमानती धाराओं में केस दर्ज किया है, जबकि वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी जान से मारने के इरादे से मंदिर परिसर में आया था। संगठनों का कहना है कि यह हमला केवल पुजारी पर नहीं, बल्कि संपूर्ण सनातन धर्म पर हुआ है। उनका सवाल है कि अगर धर्म के लिए सदैव तत्पर रहने वाले पुजारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो कौन सुरक्षित रहेगा? सीहोर का यह प्रसिद्ध गणेश मंदिर क्षेत्र ही नहीं, देश भर में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, और आरोपी महेश यादव के खिलाफ व्यापक जनाक्रोश है। आरोपी का वीडियो सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में पूरे विश्व में प्रमुखता से दिखाई दे रहा है, लेकिन उस पर साधारण कार्रवाई हुई है।
इस घटना के बाद शहर के कई स्थानों पर बैठकों का आयोजन किया गया। खजांची लाइन स्थित सर्व ब्राह्मण समाज की धर्मशाला में हुई एक बैठक में यह तय किया गया कि सभी सामाजिक संगठन और समाज के लोग ज्ञापन देंगे। ज्ञापन में मांग की गई है कि आरोपी महेश यादव के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की जाए कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति मंदिर में या पुजारियों के खिलाफ ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
