शहर में आई कोरोना की दूसरी लहर का असर अब महाकाल मंदिर में भी दिखाई देने लगा है। प्रशासन ने अब तक महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश को लेकर गाइड लाइन बनाने में सख्ती नहीं की, जिसका दुष्परिणाम सामने आने लगा है।
महाकाल मंदिर में उज्जैन शहर के बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों के प्रवेश पर तो पूरी तरह रोक लगा ही देनी चाहिए। खासकर महाराष्ट्र, गुजरात और इंदौर-भोपाल क्षेत्र से आने वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति नहीं होना चाहिए। दर्शन की अनुमति नहीं मिलने से यह लोग शहर में नहीं आयेंगे और शहर में भी संक्रमण का दौर थमेगा।
बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों की रोक-टोक नहीं होने शहर में दूसरे दौर का कोरोना फिर जोर मारने लगा है। पिछले दिनों महाकाल मंदिर के कर्मचारी भी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। कई ऐसे कर्मचारी जो दर्शनार्थियों से सीधे संपर्क में रहते हैं, वे बीमार हैं। हालांकि मंदिर प्रशासन को इस बात की जानकारी है या नहीं यह अलग बात है, लेकिन अब महाकाल मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा और सावधानी की आवश्यकता है। जब तक बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा, राहत मिलना मुश्किल है।
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