उज्जैन, अग्निपथ। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर भगवान का शाम को किया गया भांग का शृंगार आरती शुरू होने से पहले अचानक से गिर गया।हालांकि इस प्रकार की घटना पूर्व में भी हो चुकी है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह कोई अप्राकृतिक घटना के संकेत हो सकते हैं।
यह घटना 18 अगस्त की रात में होना बताई जा रही है। संध्या आरती से पहले बाबा महाकाल का प्रतिदिन पुजारी भांग से श्रृंगार करते हैं। इसमें 2 किलो से ज्यादा भांग लगती है। रोजाना की तरह 18 तारीख को भी पुजारी ने श्रृंगार किया और आरती की तैयारी थी। इसी बीच अचानक से शृंगार गिर गया। यह देख वहां मौजूद पुजारियों ने तत्काल भगवान का वापस से शृंगार किया।
इस घटना को लेकर ज्योतिषियों का कहना है कि यह किसी अप्राकृतिक घटना होने के संकेत हो सकते हैं। उज्जैन के पूर्व संभागायुक्त, धर्म के जानकार एवं ज्योतिष विद्वान डॉ. मोहन गुप्त का कहना है कि शिवलिंग पर भांग का श्रृंगार नहीं करना चाहिए। हम शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं। इससे शिवलिंग को नुकसान भी पहुंच सकता है। रहा सवाल शृंगार गिरने का तो यह उचित नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मंदिर प्रबंध समिति ऐसी घटनाओं पर संज्ञान लें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने कहा कि शृंगार गिरने के कई कारण होते हैं। गर्भगृह के अंदर मूर्ति व भूमि का प्राकृतिक वातावरण भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है। साथ ही हो सकता है जिस समय शृंगार किया जा रहा हो धर्म का प्रभाव कम हो व शृंगार कर्ता का ध्यान बंटा हो। इस तरह की घटनाएं आने वाले समय में अप्राकृतिक घटनाओं के संकेत भी माने जा सकते हैं।
