नगर निगम के विशेष सम्मेलन में 7 प्रस्तावों पर हुई स्वीकृति
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम का विशेष सम्मेलन सोमवार सुबह 11.30 बजे छत्रपति शिवाजी भवन निगम के सभागृह में आयोजित हुआ। लेकिन सम्मेलन समाप्त होने के बाद भाजपा पार्षद नीलम कालरा ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्षदों को कटघरे में खड़ा करते हुए इलेक्ट्रानिक मीडिया के सामने आरोप लगा दिये। वहीं पार्षद योगेश्वरी राठौर ने भी तात्कालिन मुख्यमंत्री का नाम लेकर पूरे सदन को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया।
दरअसल हुआ यूंकी निगम का विशेष सम्मेलन समाप्त होने के बाद वंदे मातरम और जन गण मन का गायन हुआ। गायन के समाप्ति के बाद भाजपा पार्षद नीलम कालरा ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बुलाकर कांग्रेस पार्षदों पर वंदे मातरम और जन गण मन का गायन नहीं करने और भारत माता की जय और जय श्री महाकाल नहीं बोलने का आरोप लगा दिया।
लेकिन थोड़े ही देर बाद वह निगम अध्यक्ष के आसंदी के पास जाकर रोने लगे और आरोप लगाया कि मीडिया वालों ने बुलाकर उनका बयान लिया है। कृपया इसको रुकवा दीजिए। हालांकि जब तक मामले में तूल पकड़ लिया। इधर नेता प्रतिपक्ष रवि राय का कहना है कि कांग्रेस विगत 200 साल से वंदे मातरम जन गण मन का गायन कर भारत माता की जय बोल रही है। हो सकता है कि कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने इसके गायन में कोई कमी पेशी रखी हो। ऐसे में इस तरह का आरोप लगाया जाना ठीक नहीं है।
दो मार्ग चौड़ीकरण सहित 7 प्रस्ताव स्वीकृत
नगर निगम का विशेष सम्मेलन निगम अध्यक्ष कलावती यादव की अध्यक्षता में आहुत किया गया। सम्मेलन में 7 प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें प्रकरण क्रमांक 1 पिछले सम्मेलन 26 जून के कार्यवृत्त की पुष्टि की गई। इसके बाद प्रकरण क्रमांक 2 दूधतलाई सुदामा मार्केट के पीछे का सुलभ शौचालय तोडक़र नया बनाए जाने पर भी चर्चा हुई।
जिसमें एमआईसी सदस्य सत्यनारायण चौहान और योगेश्वरी राठौर ने तोडऩे का समर्थन किया। नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने इसकी उपयोगिता बताते हुए इसको और अच्छा बनाने की बात कही। जिसका सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके बाद प्रकरण क्रमांक 3 शासकीय सेवकों की मृत्यु होने पर देय अनुग्रह राशि का पुनरीक्षण के संबंध में एमआईसी में जो ठहराव पास हुआ था, उसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।
प्रकरण क्रमांक 4 में कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के प्रावधान की प्रयोज्यता के तहत कारखानों और स्थापना के पंजीकरण के संबंध में एमआईसी के ठहराव पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें आऊटसोर्स कर्मचारियों और उनके परिवार को भी इसका लाभ दिये जाने पर चर्चा की गई। अपर आयुक्त संतोष टैगोर ने कहा कि इनके लिये नोडल अधिकारी बनायेंगे। जिससे पूरे परिवार को बीमा का लाभ दिया जा सके। इसको भी स्वीकार कर लिया गया।
प्रकरण क्रमांक 5 गोपाल मंदिर स्थित निगम व रीगल टॉकीज की भूमि पर विकास कार्य करते हुए कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के प्रकरण में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि इसको विस्तृत किये जाने की आवश्यकता है। इसको बहुमंजिला बनाया जाना चाहिये। नगरनिगम के पुुराने भवन को भी इसमें समाहित करना चाहिये। उन्होंने विधि अधिकारी के रूप में इंजीनियर की पदस्थी पर भी प्रश्न चिंह्न चस्पा किया।
भाजपा पार्षद शिवेन्द्र तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केस ही नहीं चल रहा था। वकील बेवकूफ बना रहा था। महापौर ने एक लाख रुपये वकील को देकर मामला निपटाया। इसकी पार्किंग में 96 चौपहिया वाहन और दुपहिया वाहन पार्क हो पायेंगे। 35 दुकानें नीचे के फ्लोर पर बनेंगी। चौराहे पर श्री कृष्ण की आकृति के साथ ही बांसुरी, मोरपंख की आकृति भी रहेगी। रवि राय इस पर पूरक प्रस्ताव लाये थे, जिसे स्वीकृत कर लिया गया।
प्रकरण क्रमांक 6 गदा पुलिया से रविशंकर नगर जयसिंहपुरा होते हुए लालपुल ब्रिज रोड के चौड़ीकरण मामले में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने बताया कि 22 करोड़ 26 लाख की लागत से इसको अनुमोदित किया गया है। सरकार से 10 करोड़ की राशि ही प्राप्त हुई है। जिस पर पार्षद शिवेन्द्र तिवारी ने कहा कि 10 करोड़ 55 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। जोकि पहले स्मार्ट सिटी को बनाया जाना था, लेकिन उसको अब नगरनिगम के हैंडओव्हर कर दिया गया है। इसको बनाने में डेढ़ साल लगेंगे। महाकाल लोक तक जाने का यह महत्वपूर्ण मार्ग होगा। जिसको स्वीकृत कर लिया गया।
इसी तरह प्रकारण क्रमांक 7 गाड़ी अड्डा चौराहे से वीडी क्लॉथ मार्केट, केडी गेट मार्ग जूना सोमवारिया होते हुए बड़ी पुलिया तक चौड़ीकरण कार्य की दर स्वीकृति पर भी विचार विमर्श हुआ। जिसको स्वीकृत कर लिया गया। दोनों ही मार्ग के लिए टेंडर सहित अन्य प्रक्रिया हो चुकी है, दर स्वीकृति होते ही चौड़ीकरण से जुड़े कार्य शुरू हो पाएंगे।
मुंह से निकला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान…
इधर एक दूसरा वाकया भी हो गया। भाजपा पार्षद योगेश्वरी राठौर ने प्रकरण के समर्थन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की जगह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेकर संबोधित कर दिया। इसको लेकर सदन में जोरदार ठहाके गूंज उठे। निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव भी यह सुनकर मुस्कुराने लगी। अपनी भूल देखकर श्रीमती राठौर ने अपना वाक्य दुरुस्त करते हुए पुन: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का नाम का संबोधन किया। इसके पश्चात वह निगम सभापति के आसंदी के पास पहुंची ओर वहां जाकर उन्होंने माफी मांगी।
