चतुर्थी पर दर्शन के लिए उमड़े हजारों श्रद्धालु, बाहर से हुए दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। गणेश चतुर्थी के अवसर पर बुधवार को प्रसिद्ध चिंतामन गणेश ने 3 रूपों में सजकर दर्शन दिए। भगवान का सुबह 5 बजे पट खुलने के बाद पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद आकर्षक शृंगार हुआ व 1 लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। आपको बता दे कि इस मंदिर में स्वयं भगवान श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण ने गणेश जी की स्थापना की थी।
यह लड्डू मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किए जा रहे हैं। चिंतामन गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी गणेश गुरु, जयंत गुरु ने बताया कि सुबह 6 बजे से मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगना शुरू हुआ। भीड़ के चलते मंदिर समिति ने गर्भगृह में प्रवेश बंद रखकर बाहर से ही दर्शन व्यवस्था की।
गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने लाइन से चलते हुए मंदिर के गर्भगृह में विराजित श्री चिंतामन, इच्छामन और सिद्धि विनायक गणेश जी के 3 रूपों में दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मंदिर समिति के प्रबंधक लखन तिवारी ने बताया कि गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन सुबह 6 से रात 10 बजे तक आम दर्शन होंगे। 10 दिनों तक भगवान को रोजाना पुजारी गणेश गुरु एवं पुजारी परिवार की ओर से भक्तों के सहयोग से लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा तथा प्रसाद के रूप में दिनभर भक्तों को बांटा जाएगा।
बड़े गणेश और मंछामन मंदिर में भी दर्शन के लिए भक्त उमड़े

गणेश चतुर्थी पर्व पर महाकाल मंदिर के बाहर प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर, मंछामन गणेश मंदिर, गढक़ालिक के पास स्थिरमन गणेश सहित अनेक प्राचीन गणेश मंदिरों में दर्शन के लिए भक्त उमड़े। शांति पैलेसे बायपास पर बने नवनिर्मित अष्टविनायक गणेश मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा रहा। दस दिनों तक इन सभी मंदिरों में उत्सव होगा। अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर नगर के प्रसिद्ध श्री मंछामन गणेश मंदिर का पंडित आशुतोष शास्त्री जी के द्वारा भक्तों के सहयोग से भव्य फूलों का दरबार सजाया गया आज दिन भर श्रद्धालुओं की दर्शन हेतु भीड़ लगी रही
महाकाल के सिद्धिविनायक गणेश को लगा हजारों मोदकों का भोग
महाकाल मंदिर प्रांगण में स्थित प्राचीन श्री सिद्धिविनायक गणेश जी का चतुर्थी पर आकर्षक शृंगार किया गया। पुजारी चमू गुरु, आयुष उपाध्याय ने बताया कि सुबह भगवान का पंडितों ने अभिषेक-पूजन किया। इसके बाद पश्चात भगवान को हजारों मोदकों का भोग लगाया व महाआरती की गई। मंदिर में की गई आकर्षक सजावट देखते ही बन रही थी।
गणेश चतुर्थी पर सुबह से रात तक यहां दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। 10 दिन तक मंदिर में गणेश उत्सव मनाया जाएगा तथा प्रतिदिन आरती कर प्रसाद वितरण करेंगे। अनंत चतुर्दशी पर्व पर इसका समापन होगा। यह मंदिर उज्जैन के राजा रहे भर्तृहरि के समय का सैकड़ों वर्ष पुराना है।
