उज्जैन, अग्निपथ। पत्रकार पर साल 15 साल पहले उज्जैन कोर्ट परिसर में हुए जानलेवा हमले के मामले में इंदौर जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने पांच वकीलों को दोषी पाया है। मामले में कोर्ट ने चार आरोपी वकीलों को सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा एवं एक 90 वर्षीय वरिष्ठ वकील को उम्र को दृष्टिगत रखते हुए 3 साल की सजा सुनाई है।
हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त ऑर्बिट्रेटर, पूर्व जिला जज एवं प्रकरण की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अभिभाषक अशोक कुमार शर्मा,गगन बजाज एवं राजेंद्र समदानी ने बताया कि 10 फरवरी 2009 को पत्रकार घनश्याम पटेल पर उज्जैन कोर्ट परिसर में गवाही देने से रोकते हुए अभिभाषक धर्मेंद्र शर्मा उसके भाई अभिभाषक शैलेंद्र शर्मा एवं इन दोनों के पिता सुरेंद्र शर्मा सहित इनके जूनियर वकील भावेंद्र शर्मा एवं पुरूषोत्तम रॉय ने उन्हें गवाही देने से रोकने के लिए प्राणघातक हमला किया था।
इस मामले में फरियादी घनश्याम पटेल ने प्रकरण की सुनवाई इंदौर कोर्ट में करने की अपील की थी। इंदौर कोर्ट में 15 साल तक सुनवाई चली। न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी वकीलों को पत्रकार घनश्याम पटेल पर किए प्राणघातक हमले के मामले मेें दोषी पाया। सभी को भैरवगढ़ जेल भेज दिया गया है।
ये था मामला
पत्रकार घनश्याम पटेल ने बताया कि साल 2009 की घटना है। उनके अखबार के कार्यालय पर आरोपी वकीलों ने हमला कर तोडफ़ोड़ की थी। जिसमें उन्हेांने माधव नगर थाने पर प्रकरण दर्ज कराया था। 9 फरवरी को इन्हीं वकीलों ने मामले में गवाही देने से मना करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।
10 फरवरी को जब पटेल कोर्ट में मामले की गवाही देने के लिए पहुंचे तो एडवोकेट धर्मेंद्र शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, सुरेंद्र शर्मा सहित जूनियर पुरूषोत्तम रॉय और भावेंद्र शर्मा ने उन पर प्राणघातक हमला करते हुए लाइसेंसी रिवॉल्वर, सोने की चेन और घड़ी छीन ली थी। इस मामले में माधव नगर पुलिस ने धारा 307 एवं 34 के अंतर्गत प्राणघातक हमले का प्रकरण दर्ज किया था।
