57 ठगों पर भी दो लाख का इनाम घोषित कर भूली पुलिस, आठ साल में एक भी नहीं पकड़ाया
उज्जैन (ललित जैन)। अपराध होते ही पुलिस बहुत तत्परता दिखाती है और आरोपी के नहीं पकड़ाने पर इनाम घोषित कर देती है, लेकिन फिर नया अपराध होने पर पुराने केस को भूल जाती है। यही वजह है कि जिले के286 इनामी अपराधियों की फाइल धूल खा रही है।
खास बात यह है कि इनमें से 57 आरोपी तो ठगी के हैं। सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपए की चपत लगाकर फरार इन ठगों पर दो लाख रुपए इनाम भी घोषित है। बावजूद आठ साल में पुलिस एक का भी पता नहीं लगा सकी।
पुलिस रिकार्डनुसार करीब एक दशक में विभिन्न अपराधों में 286 अपराधी फरार हैं। उन पर 2 से 30 हजार तक का इनाम घोषित है। वारदात ताजा रहने तक इन्हें पकडऩे के प्रयास भी किए होंगे। बाद में इनाम घोषित कर राशि बढ़ाते भी रहे,लेकिन हाथ आई सिर्फ असफलता। नए अपराध और अधिकारियों के बदलने पर इनामी बदमाशों की फाइल सिर्फ रिकार्ड बनकर रह गई। यहीं वजह है कई इनामी जिले में ही बेखौफ घूम रहे हैं और संबंधित थानों को सुध तक नहीं है। हालांकि अब एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल इनामियों को पकडऩे की रणनीति बना रहे हैं।
पुलिस की मुखबिरी फेल
किसी भी केस को सुलझाने या आरोपी को पकडऩे के बाद पुलिस मुखबिर की सूचना बताती है, लेकिन ठगी के प्रकरणों में पुलिस का यह तंत्र भी फेल दिखाई देता है। यहीं वजह है कि 2013 से 2020 तक 39 केस ऐसे हैं जिनके 57 फरार आरोपियों पर इनाम होने के बाद भी सुराग नहीं मिल सका। जबकि इन पर 2 से 5 हजार व तीन कंपनियों पर 10-10 हजार रुपए इनाम घोषित है। कुल दो लाख का इनाम होने के बावजूद संबंधित थाने एक भी आरोपी को नहीं पकड़ सके।
कई राज्यों के इनामी आरोपी
पुलिस रिकार्डनुसार इनामी आरोपियों में शहरी क्षेत्र के साथ नागदा व महिदपुर, इंदौर, देवास, ग्वालियर, भोपाल, खंडवा व खरगोन के शामिल हैं। गुजरात, राजस्थान व मुंबई तक के ठगी के आरोपियों पर इनाम घोषित है। कई बार इन्हें तलाशने के लिए टीम गई, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर इनाम तो बढ़ता रहा, लेकिन तलाश बंद हो गई।
एसपी बोले
इनामी आरोपियों का रिकार्ड निकाला है, पूर्व में भी पकडऩे के प्रयास किए होंगे, लेकिन अब जल्द ही इन्हें पकडऩे की मुहिम शुरू की जाएगी। -सत्येंद्र कुमार शुक्ल,एसपी