इंदौर में लगातार बारिश से यशवंत सागर में पानी बढ़ा जो बहकर गंभीर पहुंचा
उज्जैन, अग्निपथ। ये है महाकाल की नगरी कोई भूखा या प्यासा जाग तो सकता है लेकिन महाकाल उसे भूखा प्यासा सोने नहीं देतेज्इसका एहसास एक बार फिर गंभीर डेम फुल होने से हो गया है। विगत माह के अंतिम आठ दिन तक भी जब पानी नहीं गिरा और डेम में पानी खत्म होने को गया और चैनल कटिंग से भी पानी नहीं आया तो नर्मदा के पानी से लोगों की प्यास बुझानी पड़ी। जबकि शनिवार से दृश्य बदलना शुरू हुआ और रविवार तक डेम पूरा भर गया। यही नहीं डेम का एक गेट सुबह से खोलना पड़ा।
रविवार सुबह करीब 7 बजे गंभीर डेम फुल भर गया और 3 नंबर गेट को डेढ़ मीटर खोलकर पानी आगे छोडऩा पड़ा। यह सिलसिला सुबह करीब 10 बजे तक जारी रहा। डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। इसको बनाए रखने के लिए डेम का एक गेट खोलना पड़ा। इस सीजन में यह पहला मौका है जब डेम का गेट खोलने की स्थिति बनी।
पांच दिन पहले डेम में पानी नहीं होने से नर्मदा का पानी लाने की खटपट की जा रही थी और आज गंभीर डेम इतना भर गया कि वह फूट न जाए इसलिए पानी छोडऩा पड़ा। उज्जैन में शनिवार को बारिश नहीं हुई लेकिन इंदौर और आसपास तेज बारिश होने से गंभीर डेम भर सका। इंदौर में 3 इंच बारिश होने से यह स्थिति बनी।
आधे घंटे बाद 2 मीटर खोला गेट
पानी का बहाव तेज होने के कारण गंभीर डेम का गेट नंबर 3 आधे घंटे बाद यानी करीब पौने आठ बजे आधा मीटर और खोलकर दो मीटर किया गया ताकि डेम का लेवल मेंटेन रहे। 2250 एमसीएफटी पानी भरने के बाद सुबह पौने 7 बजे सायरन बजाकर एक गेट खोला गया।
उंडासा तालाब भी फुल, साहिबखेड़ी आधा खाली
शहर के लोगों के लिए राहत की बात यह है कि उंडासा तालाब भी फुल है। इसकी क्षमता 184 एमसीएफटी की है और इसमें इतना ही पानी है। पीएचई अधिकारियों के अनुसार यह तालाब 14 फीट भरा हुआ है। आगर रोड स्थित साहिबखेड़ी डेम में 278.89 एमसीएफटी पानी जमा है। इसकी क्षमता 446 एमसीएफटी है। इस हिसाब से यह 167 एमसीएफटी खाली है।
गंभीर डेम फुल भरने के बाद शहर में रोज पेयजल सप्लाई का रास्ता भी खुल गया है, लेकिन नगर निगम प्रशासन को पानी बचाने के उपाय भी करना चाहिए। अभी शहर में एक दिन छोडकऱ पेयजल प्रदाय किया जा रहा। पीएचई के जानकारों के अनुसार पानी बचाने के लिए ये तीन उपाय किए जा सकते हैं
100 हॉर्सपॉवर के पंप से खुलता है गेट
गंभीर डेम के गेट खोलने के लिए 100 हॉर्सपॉवर की मोटरों का उपयोग किया जाता है। इसके लिए डेम पर 50, 50 हॉर्सपॉवर के दो मोटर पंप लगे हैं। इसके अलावा 100 हॉर्सपॉवर का एक जनरेटर भी है, जिससे बिजली गुल होने पर भी डेम के गेट तुरंत खोले जा सकते हैं। गंभीर डेम में
डेम में कब कितना पानी
| दिन | जलस्तर (एमसीएफटी में) |
|---|---|
| 15 जुलाई | 251 |
| 31 जुलाई | 195 |
| 2 अगस्त | 187 |
| 10 अगस्त | 150 |
| 19 अगस्त | 178 |
| 22 अगस्त | 268 |
| 26 अगस्त | 331 |
| 29 अगस्त | 758 |
| 30 अगस्त | 1162 |
| 31 अगस्त | 2250 |
गंभीर डेम फुल, अब प्रतिदिन हो जलप्रदाय: नेता प्रतिपक्ष रवि राय
शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डेम फुल अपनी पूरी क्षमता से भर गया है। साथ ही गंभीर से पानी बहाना पड़ रहा है ऐसे में महीनों से जलसंकट भोग रही उज्जैन की जनता को प्रतिदिन जलसप्लाय प्रारंभ कर दिया जाए।
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि नर्मदा शिप्रा लिंक योजना के नाम पर करोड़ों खर्च करने वाली भाजपा की सरकार ने लंबे समय तक उज्जैन की जनता को भीषण गर्मी में भी एक दिन छोडक़र पानी दिया। हद तो यह है कि आम जनता से शुल्क पूरे 30 दिन का वसूला जाता रहा। एक दिन छोडक़र पानी देने के लिए गंभीर में पर्याप्त जल नहीं होने का बहाना बनाया गया।
काफी लंबे समय से शहरवासियों को एक दिन छोडक़र पानी दिया जा रहा था, अब गंभीर डेम फुल हो गया है और पानी छोडऩा पड़ रहा है। रवि राय ने कहा कि अब नगर निगम के भाजपा बोर्ड के पास कोई बहाना नहीं बचा कि बेवजह शहर की जनता को जलसंकट में डाले हुए है। नर्मदा शिप्रा लिंक योजना पर आम जनता की गाड़ी कमाई खर्च हुई है, हर महीने पीएचई शुल्क वसूल रही है, तो प्रतिदिन पानी प्राप्त करना जनता का अधिकार है।
पर्याप्त पानी होने पर अब प्रतिदिन जलप्रदास प्रारंभ किया जाए ताकि कुए और बोरिंग से जो हर दिन पानी लिया जा रहा है उस पर रोक लगे और भूमिगत जल खींचना कम हो सके। रवि राय ने कहा कि महापौर तथा नगर निगम बोर्ड तत्काल निर्णय लेकर प्रतिदिन जलप्रदाय प्रारंभ करें, जिससे लोगों की टैंकरों की ओर दौड़ लगाना और हैंडपंप, बोरिंग पर निर्भरता कम हो, शहरवासियों को राहत मिले।
