एसबीआई की महानंदानगर शाखा में सोना चोरी करने वाले आरोपी तीन दिन की पुलिस रिमांड पर

पूछताछ करेगी पुलिस, आउटसोर्स कर्मचारी किस तरह बन गया इतना बड़ा चोर, क्या धर्म परिवर्तन के लिए भी उसका ब्रेनवॉश किया गया

उज्जैन, अग्निपथ। माधव नगर थाना क्षेत्र स्थित भारतीय स्टेट बैंक की महानंदा नगर शाखा के लॉकर तोड़े बगैर 4 करोड़ रुपए से ज्यादा का सोना और 8 लाख रुपए नगद चुराने वाले पांचों आरोपियों को पुलिस ने बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश कर दिया। पुलिस ने उनका तीन दिन का रिमांड लिया है।

रिमांड के दौरान पुलिस पूछताछ में यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि एक आउटसोर्स कर्मचारी किस तरह इतनी बड़ी चोरी का षड्यंत्रकारी बन गया? क्या किसी ने उसका ब्रेनवॉश किया था? वारदात का मास्टरमाइंड जय उर्फ जिशान ने धर्म परिवर्तन भी किया है सवाल यह भी है कि क्या धर्म परिवर्तन के लिए भी किसी ने उसका ब्रेनवॉश किया है?

एसपी ने बैंक में रखा 75 लोगों का 4 करोड़ का सोना चोरी होने के बाद बैंक को वापस लौटा दिया। इसे उज्जैन पुलिस की बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस ने घटना की जानकारी लगने के बाद मात्र 12 घंटे में आरोपियों की गिरफ्तारी कर मंगलवार रात 11.30 बजे प्रेस कांन्फ्रेंंस कर वारदात का पूरा खुलासा भी कर दिया। जबकि आरोपियों ने षड्यंत्र पूर्वक कईं दिनों की तैयारी के बाद वारदात को अंजाम दिया था।

चोरी की इस वारदात के कुछ दिन पहले ही बैंक में आग लग गई थी जिसमें डीवीआर भी जल गई थी। जय को यह बात पता थी कि डीवीआर में आग लगने के कारण सीसीटीवी कैमरे बंद है और बैंक के कैमरे में घटना दिखाई नहीं देगी। आरोपी यह भूल गए कि बैंक के आसपास अन्य कार्यालयों और घरों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

लिस को एसबीआई के समीप के कार्यालय और घरों पर लगे कैमरें में ही आउटसोर्स कर्मचारी जय दिखाई दिया। जिसकी पहचान बैंक के अधिकारियों ने की और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके साथियों को पकड़ा।

गौरतलब है कि बैंक से सोना चोरी करने वाला मुख्य आरोपी जय भावसार उर्फ जिशान ने अपने साथी अब्दुल्ला, साहिल, अरबाज और कोहिनूर के साथ मिलकर अंजाम दिया था। भावसार के पास बैंक की चाबियां रहती थीं और 15 दिन पहले बैंक शाखा में लगी आग के बाद उसने चोरी की योजना बनाई थी।

ढाबा रोड के रहने वाले जय ने सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात 2.30 बजे अब्दुल्ला के साथ पिछले दरवाजे से बैंक भवन में प्रवेश किया और रात 3.05 बजे महज 35 मिनट में चाबियों की मदद से लॉकर से 4.700 किलो सोना और 8 लाख रुपए कैश निकाल लिए। इस दौरान उसके साथी साहिल, अरबाज और कोहिनूर बाहर चौकसी करते रहे। 2 बाइक से आए पांचों आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद ढाबा रोड की एक होटल पहुंचे और माल का बंटवारा किया।

इनमें से चार हाटपिपल्या रवाना हो गए, जबकि जय उज्जैन में ही रुक गया और सुबह काम के लिए बैंक भी पहुंचा। सुबह 10.30 बजे शाखा प्रबंधक पायल माहेश्वरी ने जब लॉकर खुले देखे तो माधवनगर पुलिस को चोरी की जानकारी दी। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया बैंक में 16 अगस्त को आग लगने से सीसीटीवी कैमरे बंद थे।

पुलिस ने बैंक भवन के बाहर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो जय बाइक पर साथियों के साथ जाता दिखा। उससे सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और वारदात कबूल ली। जय और उसके साथी नेपाल भागने वाले थे, जहां वे कारोबार करना चाहते थे। पुलिस ने रात 10.30 बजे तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

12 घंटे में वारदात का खुलासा करने पर एडीजी उमेश जोगा ने टीम को 30 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। एसबीआई ने लापरवाही पर शाखा प्रबंधक पायल माहेश्वरी, सेवा प्रबंधक सुरेंद्र कुमार माधव, कैश अधिकारी अभिनव को निलंबित कर दिया है। एसबीआई प्रबंधन पूरे मामले की आंतरिक जांच करवा रहा है।

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