महिदपुर, अग्निपथ। शुक्रवार की दोपहर महिदपुर की पावन धरती पर भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तेरस को परंपरागत रूप से निकाली जा रही गणेश सवारी अचानक तनाव और अफरा-तफरी का केंद्र बन गई। रंग–बिरंगे झांकी, डीजे की गूंज, अखाड़ों का जोश और श्रद्धालुओं की भीड़ से सजी यह शोभायात्रा उस समय दहशत और भगदड़ में बदल गई, जब वर्ग विशेष के लोगों ने सवारी पर अचानक पथराव कर दिया।
कुछ ही मिनटों में माहौल इतना बिगड़ गया कि पूरा मुख्य बाजार बंद हो गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोग गिर पड़े, कई घायल भी हुए और स्थिति ऐसी बन गई मानो शहर का दिल दहल उठा हो।
विवाद की जड़ : ‘लव जिहाद’ वाली झांकी

इस वर्ष की गणेश सवारी में धार्मिक और सांस्कृतिक झांकियों के साथ एक सम सामयिक झांकी भी शामिल थी, जिसका केंद्र बिंदु था – लव जिहाद। झांकी को लेकर पहले ही अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने प्रशासन से आपत्ति दर्ज कराई थी। वे तहसील कार्यालय तक पहुंच गए और स्पष्ट कहा कि यह झांकी सवारी का हिस्सा नहीं बननी चाहिए।
लेकिन आयोजकों ने सवारी के हर हिस्से की विधिवत अनुमति पहले ही प्रशासन से ले रखी थी। लिहाजा प्रशासन ने आपत्ति को खारिज कर दिया। इसी निर्णय के बाद माहौल गर्माने लगा और विरोधी तत्वों ने बाजार में दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश शुरू कर दी।
पथराव से भगदड़, फिर बारिश का कोहराम
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब मोती मस्जिद के पीछे यशवंत मार्ग पर निकल रही गणेश सवारी पर अचानक पथराव कर दिया गया। हवा में उड़ते पत्थरों से लोग दहशत में आ गए। महिलाएं और बच्चे चीखते-चिल्लाते भागने लगे। कुछ ही सेकंड में माहौल नियंत्रण से बाहर होता नजर आने लगा।
इसी बीच, आसमान भी मानो गुस्से में आ गया। मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। पथराव और बारिश – दोनों के बीच भीड़ तितर-बितर हो गई। भीगे कपड़ों और कांपते चेहरों के बीच लोगों की आंखों में डर और आस्था दोनों झलक रहे थे।
प्रशासन की सख्ती, पुलिस की तैनाती
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हालात को बिगड़ने से रोकने के लिए एसडीएम अजय हिंगे, एसडीओपी और थाना प्रभारी एबीएस परिहार ने तत्काल मोर्चा संभाला। पथराव करने वाले उपद्रवियों को खदेड़ा गया और भारी पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया गया।
एडिशनल एसपी ग्रामीण भी दलबल के साथ बरसते पानी में ही महिदपुर पहुंच गए। प्रशासन ने स्थिति को काबू में लिया और थोड़ी ही देर बाद गणेश सवारी को पुनः आगे बढ़ाया गया।
दोगुने जोश से निकली सवारी
तनाव और पथराव के बीच कुछ देर के लिए थमी गणेश सवारी जब दोबारा शुरू हुई तो माहौल बदल चुका था। बरसते पानी में भी श्रद्धालु दोगुने उत्साह के साथ झांकियों के पीछे-पीछे चलने लगे। डीजे की गूंज फिर से वातावरण में फैल गई और लोगों के चेहरों पर बप्पा के जयकारे गूंज उठे। समाचार लिखे जाने तक यह भव्य सवारी शिप्रा तट स्थित पंड्या घाट शंकर मंदिर मार्ग की ओर प्रस्थान कर रही थी।
