केंद्र सरकार के सचिव ने देखे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्माणाधीन काम, अधिकारियों को दिए कई सुझाव
उज्जैन, अग्निपथ। शुक्रवार को भारत सरकार की हाउसिंग एण्ड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के सचिव डीएस मिश्रा ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विभिन्न निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने निर्देश दिये कि सौन्दर्यीकरण के कार्य में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाये। साथ ही रूद्र सागर के गहरीकरण से निकलने वाली मिट्टी का उपयोग लैंडस्केप तैयार करने में किया जाये।
मिश्रा द्वारा महाकालेश्वर मन्दिर के मुख्य द्वार के सामने चल रहे परिसर के विस्तारीकरण कार्य का अवलोकन किया गया। कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि महाकाल प्रांगण के विस्तारीकरण का कार्य पेड़ों को बिना हानि पहुंचाये किया जा रहा है। अब तक लगभग 16 फीट गहरीकरण का कार्य किया जा चुका है। महाकाल मन्दिर के पश्चात अधिकारियों द्वारा महाराजवाड़ा विद्यालय का अवलोकन किया गया।
कलेक्टर ने जानकारी दी कि महाराजवाड़ा में संचालित विद्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट किया जायेगा तथा महाराजवाड़ा को हैरिटेज के रूप में विकसित किया जायेगा। यहां एक धर्मशाला बनाई जायेगी। महाराजवाड़ा के पीछे स्थित ढांचे को रिस्टोर करके वहां प्रवचन हॉल बनाया जायेगा। यहां पर भगवान शिव से संबंधित वृक्ष लगाये जायेंगे। साथ ही महाकाल थाने के समीप स्थित महाकाल द्वार का भी जीर्णोद्धार किया जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि इसके अलावा कालभैरव मन्दिर और सिद्धवट मन्दिर और सिद्धवट मन्दिर में भी पार्किंग स्थल का विकास किया जायेगा। महाराजवाड़ा में रूफटॉप रेस्टोरेंट का निर्माण किया जायेगा।
कमल तालाब में चलेंगे फव्वारे
मिश्र को जानकारी दी गई कि सौन्दर्यीकरण हेतु बनाई जा रही आकृतियों के पत्थर राजस्थान और ओडि़शा से मंगवाये जा रहे हैं। यहां पर भगवान शिव की अलग-अलग नृत्य की मुद्राओं को पत्थर पर तराशने का कार्य जारी है। साथ ही भगवान शिव से जुड़ी विभिन्न कथाओं का चित्रांकन भी किया जा रहा है। यह कार्य डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा निर्माणाधीन कमल तालाब का अवलोकन किया गया।
नगर निगम आयुक्त ने जानकारी दी कि इस कमल तालाब में फव्वारे चलाये जायेंगे। अधिकारियों द्वारा त्रिवेणी संग्रहालय के पास मृदा फेज-1 के अन्तर्गत बनाये जा रहे पार्किंग स्थल का अवलोकन किया गया। कलेक्टर ने श्री मिश्र एवं नईदिल्ली से आये अधिकारियों को जानकारी दी कि यह पार्किंग स्थल अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थल रहेगा।
यहां इन्दौर से आने वाली गाडिय़ों की पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावा पार्किंग स्थल के समीप विद्युत आपूर्ति हेतु सोलर पैनल भी लगाया जायेगा। निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त संदीप यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, यूडीए सीईओ एसएस रावत तथा स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम के अधिकारीगण मौजूद थे।
रूद्रसागर के बीचोंबीच टापू बनाया जाए
केंद्र सरकार के सचिव मिश्रा ने महाकाल वन क्षेत्र में शिल्पकार श्रमिकों से वहां किये जा रहे काम के बारे में जानकारी ली। श्री मिश्रा ने निर्देश दिये कि रूद्र सागर गहरीकरण के दौरान निकलने वाली मिट्टी का उपयोग किसी प्रकार के लैंडस्केप बनाने में किया जाये अथवा रूद्र सागर के बीचोंबीच एक छोटा-सा टापू बनवाया जाये। निर्माण कार्यों में रचनात्मकता का पुट अवश्य दिया जाये। कॉरिडोर में आने वाले यात्रियों की सुविधा के बारे में जानकारी दी गई कि दिव्यांगजनों के लिये कॉरिडोर में आवागमन हेतु बैटरीचलित ट्रायसिकल उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि सप्तऋषियों की मूर्तियों के नीचे उनसे सम्बन्धित पुष्पों को लगाया जाये। जानकारी दी गई कि प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मीडवे झोन, बिल्ट और लेकफ्रंट बनाया जायेगा। महाकाल कॉरिडोर में नवग्रह वाटिका भी बनाई जायेगी। एकादश रूद्र मण्डल और नटराज मण्डल का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी किया जायेगा।