पूर्व मंत्री पारस जैन भी पहुंचे, सिंहस्थ में स्थायी सिटी बनाने का कर रहे विरोध
उज्जैन, अग्निपथ। भारतीय किसान संघ उज्जैन मालवा प्रांत के बैनर तले लैंड पुलिंग योजना के विरोध में किसान सामाजिक न्याय परिसर में एकत्रित हुए। करीब 2000 ट्रैक्टर-ट्रॉली और 5000 से अधिक किसान शहर में पहुंच चुके थे। इस आंदोलन में करीब 10 हजार किसान पहुंचे थे। एक किसान हलधर बलराम बनकर सभा का शोभा बढ़ाता रहा। किसान भी सामाजिक न्याय परिसर में लैंड पुलिंग के समर्थन में नारे लगाते रहे।
सभा में महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री पारस जैन भी सामाजिक न्याय परिसर के गेट पर करीब 20 मिनट तक खड़े रहे। उनको देखकर किसानोंं का उत्साह दोगुना हो गया।
किसान सिंहस्थ में स्थायी सिटी बसाने के लिए लैंड पुलिंग का विरोध कर रहे थे। साथ ही 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। पुलिस ने प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की थे। किसान नेताओं ने चेतावनी दी थी कि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो गांवों से दूध, सब्जी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े 17 गांवों सहित अन्य क्षेत्र के किसान आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर पहुंच गए थे।

किसानों के इस आंदोलन को भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पारस जैन ने समर्थन दिया है। हालांकि कुछ देर बाद वे लौट गए। आंदोलन का आव्हान भारतीय किसान संघ जिला उज्जैन मालवा प्रांत ने किया था। सरकार इंदौर और उज्जैन के करीब एक लाख बीघा जमीन की लैंड पुलिंग कर रही है।
सरकार ने अब तक बात नहीं की
सामाजिक न्याय परिसर के मंच से संघ प्रचारक और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में गलती कर रही है। उसकी मंशा है कि किसानों से जमीन खींचकर परमानेंट स्ट्रक्चर तैयार कर देंगे। किसान संघ इसका विरोध कर रहा है।
सिंहस्थ हजारों सालों से चल रहा है, तब ये केंद्र-राज्य की सरकारें नहीं थीं। वहां सुविधाएं बनाओ मगर अस्थाई। ताकि किसान 11 साल उसका उपयोग करे और एक साल सिंहस्थ को दें। विरोध का मूल विषय यही है। सरकार जल्दबाजी में गलती कर रही है। संघर्ष की स्थिति पैदा कर रही है। समझ नहीं आ रहा है क्या? जहां-जहां जमीन खीचीं, वहां क्या हाल हुआ है? सरकार ने पहले किसानों को धमकाने की कोशिश की। रैली सरकार को समझाने के लिए है।
मिश्र बोले- सरकार को इतनी सी बात समझ नहीं आ रही
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा, संत साधना के लिए आ रहे हैं। उन्हें आराम की जरूरत नहीं। लाखों श्रद्धालुओं के लिए खुला मैदान होना चाहिए। 1500-1800 किसान प्रभावित हैं। उनसे बात करो। प्रशासन के उन लोगों से बात कर रहे, जो दो, चार, 10 साल बाद यहां से भाग जाएगा। यहां का किसान हजारों साल से जमीन दे रहा है। आपको थोड़ा मुआवजा देना पड़ता है। सिंहस्थ ऐसा बने, सुविधाएं बढिय़ा बनें, जमीन 11 साल किसान उपयोग में लें एक साल सिंहस्थ को दे दें। इतनी सी बात समझ में नहीं आ रही। किसानों का प्याज, सोयाबीन का विषय है।
वह हमसे बात करें, हम उनसे क्यों करें
मोदी-शाह से बात करने पर मिश्र ने कहा- वह हमसे बात करेंगे हम उनसे बात क्यों करें। जमीन हमारे पास है। सिंहस्थ हम चला रहे हैं। ये केंद्र और राज्य की सरकार नहीं थी, तब से सिंहस्थ चल रहा है। हमें बात करने में कोई ऐतराज नहीं है। उन्हें आने दीजिए। न्याय पालिका को संज्ञान लेना चाहिए। कहीं पराली जल गया तो संज्ञान लेते हैं। संत-सामाजिक संगठन हमारे साथ है। सरकार को साथ आना पड़ेगा। रैली सामाजिक न्याय परिसर से शुरू हुई और आगर रोड, चामुंडा माता चौराहा, तरणताल होते हुए कोठी क्षेत्र स्थित कलेक्टर कार्यालय पहुंची। यहां सभा हुई और ज्ञापन सौंपा गया।
18 को इंदौर में किसान आंदोलन
संघ प्रचारक व भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र. किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रांत मंत्री भरत सिंह बेस सहित हजारों किसान अपने टैक्ट्रर-ट्राली के साथ उज्जैन में आयोजित रैली में शामिल हुए। आंजना ने बताया कि 18 को इंदौर में आंदोलन होगा। इसमें उज्जैन-इंदौर की करीब एक लाख बीघा जमीन की लैंड पुलिंग पर बात होगी।
हलधर-प्याज की माला पहनकर पहुंचा किसान
सामाजिक न्याय परिसर में जहां किसान अपना अपना ग्रुप बनाकर लैंड पुलिंग के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे, वहीं एक किसान हलधर की वेशभूषा पहनकर किसानों के बीच घूमकर आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। सभा में वृद्ध और युवा महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंची थीं। वहीं दो युवक गले में प्याज की माला पहनकर लैंड पुलिंग योजना का विरोध कर रहे थे।
