सीहोर, अग्निपथ। सीहोर जिले में अपनी पत्नी की हत्या करने वाले एक व्यक्ति को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस घटना में, आरोपी पण्डा उर्फ कल्लू को विशेष लोक अभियोजक श्रीमती रेखा यादव द्वारा प्रस्तुत किए गए ठोस साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाया गया, जिसके बाद न्यायालय ने उसे दंडित किया। यह फैसला समाज में एक कड़ा संदेश देता है कि अपराध करने वालों को कानून के शिकंजे से बच पाना मुश्किल है।
घटना 02 अक्टूबर 2023 की है। फरियादी भगवतीबाई ने पुलिस को सूचना दी कि उनकी बड़ी बहन कृष्णा उर्फ गुड्डी का उनके पति पण्डा उर्फ कल्लू से झगड़ा हुआ था और उसके पति ने उनकी हत्या कर दी। भगवतीबाई ने बताया कि गुड्डी सुबह पास के खेतों में सोयाबीन बीनने गई थी और दोपहर लगभग 3:00 बजे घर लौटी थी। कुछ देर बाद उन्हें यह जानकारी मिली। जब वह अपने पति के साथ गुड्डी के घर पहुँची, तो उन्होंने देखा कि गुड्डी एक टपरे के अंदर मृत अवस्था में पड़ी थी और एक कंबल से ढकी हुई थी।
भगवतीबाई ने बताया कि गुड्डी के शरीर पर चोट के निशान थे। उनके पेट में सूजन थी, एक आँख के ऊपर चोट का निशान था और मुँह से खून निकल रहा था। आरोपी पण्डा अपनी बहन की हत्या करके वहाँ से फरार हो गया था। पुलिस ने तुरंत फरियादी की सूचना पर मर्ग कायम कर जाँच शुरू कर दी।
जाँच और न्यायालयीन प्रक्रिया
पुलिस ने जाँच के दौरान विभिन्न गवाहों के बयान, दस्तावेजी साक्ष्य और परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाए। इन साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपी पण्डा उर्फ कल्लू के खिलाफ धारा 302 भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। संपूर्ण विवेचना के बाद, अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के तर्कों और प्रस्तुत किए गए सभी सबूतों पर विचार किया। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों और दस्तावेजी साक्ष्यों से सहमति जताते हुए आरोपी को हत्या का दोषी पाया। न्यायालय ने पण्डा उर्फ कल्लू को धारा 302 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और एक हज़ार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती रेखा यादव ने की।
