सभामंडप में प्रतिदिन रंगोली, झांकी के दर्शन तो मंच पर गायन, वादन और नृत्य
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में बुधवार से पांच दिनी उमा सांझी महोत्सव शुरू हो गया। पहले दिन सभामंडप में सुबह विधि-विधान से माता पार्वती की प्रतिमा विराजित कर घट स्थापना की गई तो शाम को संध्या आरती के पश्चात वसंत पूजन हुआ जिसमें विद्वान ब्राह्मणों ने वेद मंत्रों का उच्चारण किया। पूजन शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा ने कराया।
इस दौरान अखंड दीप प्रज्जवलित किया गया। वहीं प्राचीन शिला का परंपरागत पूजन हुआ। पूजन में मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी और सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी सहित पुरोहित लोकेश व्यास, शिवम शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। पांच दिनी महोत्सव के दौरान सभामंडप में प्रतिदिन सभामंडप के शिला पर रंगोली व झांकियां सजाई जाएगी। वहीं परिसर में मंच से कलाकारों का गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुति होगी।
प्रतिदिन हरि कीर्तन, 21 की रात को वीर हनुमान भक्त मंडल का जागरण
उमा-सांझी महोत्सव में प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न कलाकारों की मंच से अनेकों प्रस्तुतियां होगी। लेकिन इनमें दो कार्यक्रम पारंपरिक होते हैं। पहला हरिकीर्तन जो प्रतिदिन मंदिर प्रांगण में शाम 5 से 6.30 बजे तक होगा इसे योगेश पुरंदरे ढोलीबुआ महाराज ग्वालियर करेंगे। वहीं दूसरा आयोजन जगारण का 21 सितंबर की रात में 11 बजे से अगले दिन सुबह 3 बजे तक होगा जिसमें हर वर्ष की परंपरा के अनुसार श्री वीर हनुमान भक्त मंडल कार्तिकचौक उज्जैन की मंडली के पंडित जस्सू गुरु महाराज द्वारा भजनों की प्रस्तुति व सुंदरकांड किया जाएगा। यह आयोजन महाकाल की शयन आरती के बाद व सुबह की भस्मारती के पहले तक होता है।
22 सितंबर को कन्या भोज व 23 सितंबर को नगर में निकलेगी उमा की सवारी
उमा सांझी महोत्सव में 22 सितंबर को सुबह 11.30 बजे कन्या पूजन एवं भोज का आयोजन मंदिर समिति के द्वारा किया जाएगा। इसमें कन्याओं के पैर पूजकर समिति भोजन कराकर कन्याओं को दक्षिणा भेंट करती है। इसके अगले दिन 23 सितंबर की शाम 4 बजे उमा-सांझी उत्सव के समापन पर उमा माता की नगर में सवारी निकलेगी। चांदी की पालकी में उमा माता भक्तों को दर्शन देने निकलेगी।
