पोलायकलां, अग्निपथ। पोलायकलां में प्रधानमंत्री आवास योजना के वास्तविक हकदार, खासकर 50 से अधिक दलित परिवार, पिछले पाँच बार के सर्वे के बावजूद भी योजना के लाभ से वंचित हैं। ये परिवार आज भी कच्चे मकानों और झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं, जो बारिश में टपकते हैं और जिनकी दीवारें गिरने की कगार पर हैं, जिससे जान का खतरा बना हुआ है।
प्रशासनिक अधिकारियों की हठधर्मिता और बार-बार जाँच के आदेशों के कारण ये गरीब परिवार इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। 2022 से अब तक पोलायकलां में पाँच बार सर्वे हो चुका है, लेकिन एक भी सूची को फाइनल नहीं किया गया है। शुरुआत में 607 लोगों का चयन किया गया, लेकिन शुजालपुर एसडीएम ने इसे अमान्य कर दिया। इसके बाद, चार और सर्वे हुए, जिनमें क्रमशः 121, 83, 39 और 54 लोगों को पात्र माना गया, पर हर बार सूची को जाँच के नाम पर वापस लौटा दिया गया।
दलित परिवारों का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर योजना से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने रजिस्ट्री भी करवाई, जिसमें उनके हजारों रुपए खर्च हो गए, लेकिन फिर भी उन्हें आवास नहीं मिला। ये परिवार कलेक्टर शाजापुर को भी दो बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कुछ परिवारों के मकान बारिश में गिर भी गए, जिसमें लोग बाल-बाल बच गए। वे सवाल कर रहे हैं कि क्या प्रशासन किसी की मौत का इंतजार कर रहा है।
इस मामले में तहसीलदार, सीएमओ और पार्षदों ने भी अपनी राय दी है। पोलायकलां की तहसीलदार शिल्पा सिंह ने बताया कि उन्हें हाल ही में वरिष्ठ अधिकारी से निर्देश मिले हैं और सर्वे का काम चल रहा है। सीएमओ भगवान सिंह भिलाला ने 54 हितग्राहियों की सूची भेजने की बात कही। वहीं, वार्ड नंबर 08 के पार्षद विनोद मालवीय और वार्ड नंबर 09 के घनश्याम मालवीय ने एसडीएम शुजालपुर पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। वार्ड नंबर 11 के पार्षद नरेश दीक्षित ने बताया कि नगरीय प्रशासन मंत्रालय ने स्व-स्वामित्व प्रमाण पत्र को भी मान्य माना है, फिर भी बार-बार जाँच करवाई जा रही है।
