दो तालाब की एमिनेंट कंपनी के आरोपी फरार, संचालक पर कारवाई नहीं
उज्जैन, अग्निपथ। पिछले दिनों उज्जैन मेें फर्जीवाड़े के दो मामले सामने आए थे। महाकाल पुलिस ने एक युवक को फर्जी सिम तैयार करने के आरोप में पकड़ा था जबकि दूसरा मामला बैंगलुरु के एक व्यक्ति की शिकायत पर शेयर बाजार एडवायजरी के जरिए ऑनलाइन ठगी का था। दोनों मामलों की जांच में सामने आया है कि फर्जी सिम और फर्जी एडवाजयरी कंपनियों के तार एकदूसरे से जुड़े हैं। अब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
पिछले दिनों महाकाल पुलिस ने साइबर फ्रॉड मेें उपयोग के लिए फर्जी सिम एक्टिवेट करने के मामले में आगर रोड नाका के इमरान, उसके साथी स्वस्तिक को पकड़ा था, जबकि फैज व अभिषेक फरार हैं। एक नया नाम उबैद का भी सामने आया है। इस मामले में जब पुलिस ने गहराई से जांच की तो पता चला कि इस तरह फर्जी सिम एक्टिवेट करने में और भी लोग शामिल हैं। हालांकि पुलिस ने फिलहाल दो मामलों में ही जांच की है। माधवनगर सीएसपी दीपिका शिंदे ने बताया कि मामले में जांच चल रही है।
तीन कंपनियों के नाम फर्जीवाड़े में सामने आए, पुलिस ने दबिश दी
सिम एक्टिवेट करने वाले से मिले सुराग के आधार पर बुधवार शाम शेयर मार्केट में निवेश और टिप्स देने के नाम पर बिना लायसेंस संचालित हो रही 3 कंपनियों पर नीलगंगा, माधवनगर और नानाखेड़ा थाना पुलिस ने दबिश दी। बताया जा रहा है कि फर्जी सिम इन्ही कंपनियों को बेची जाती थी और यहां से उक्त सिम के माध्यम से शेयर मार्केट में निवेश और टिप्स देने का काम किया जाता था। दबिश में कंपनियां बिना वैध प्रमाण पत्र और बिना लायसेंस के संचालित होना सामने आई।
दबिश के बाद नीलगंगा पुलिस को तीनबत्ती चौराहा के समीप विशाल मेगा मार्ट बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर चल रही एडवाजयरी कंपनी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। यहां से पुलिस ने 9 मोबाइल भी जब्त किए हैं। एडवाइजरी कंपनी गोलू उर्फ अजय मालवीय अथवा चौहान संचालित कर रहा था। जिसके खिलाफ धारा 319 (2), 318 (4) बीएनएस का प्रकरण दर्ज किया है।
दूसरे मामले के आरोपी अभी भी फरार
कुछ दिन पहले नानाखेड़ा थाने में बैंगलुरु के संतोष ठाकुर ने 67 हजार रुपए ठगी की शिकायत एडवायजरी कंपनी एमिनेंट के खिलाफ की थी। पुलिस ने कंपनी के कर्मचारी कृष्णा व हर्ष ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज किया था। बुधवार शाम को पुलिस ने इनके कॉसमास मॉल के सामने बिल्डिंग में स्थित एडवाजयरी कंपनी के कार्यालय में भी दबिश दी। हालांकि आरोपी अभी फरार हैं।
यहां भी पुलिस ने रिकार्ड खंगाले
माधवनगर पुलिस ने मनी ट्रेड सेंटर में भी दबिश दी। जहां आदिल नामक युवक द्वारा एडवाइजरी कंपनी संचालित किये जाने की सूचना थी। फिलहाल उक्त कंपनी के संबंध में जांच जारी है। यह सभी कंपनियां बिना दस्तावेजों के संचालित हो रही थी। पुलिस वहां से मिले दस्तावेजों और मोबाइल नम्बरों की जांच कर रही है। इनके पास कोई अनुमति भी नहीं मिली है।
काम के बाद नष्ट कर देते थे सिम
पुलिस को पता चला है कि अवैध एडवाइजरी कंपनी चला रहे लोग फर्जी सिम खरीदकर उनका दुरुपयोग लोगों को शेयर बाजार मेें इन्वेस्टमेंट में झांसा देने के लिए करते थे। एडवाइजरी वाले लोगों के संपर्क कर डीमेट अकाउंट, निवेश पर फायदा का प्रलोभन देते। पहले प्रॉफिट कराते हैं, फिर लाखों का निवेश कराने के बाद फर्जी नंबर की सिम तोडकऱ फेंक देते । जिस अकाउंट में पैसा डलवाते हैं, वह भी फर्जी है।
इधर नानाखेड़ा थाना क्षेत्र के दो तालाब स्थित फर्जी एडवाइजरी कंपनी के खिलाफ बंगलुरु के संतोष कुमार ने 67 हजार रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। पुलिस ने दो कर्मचारी हर्ष और कृष्णा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया लेकिन आरोपी केस दर्ज होने के 6 दिन बाद तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए। पुलिस ने कंपनी के मुख्य करता धरताऔर संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इस कंपनी का संचालन एक युवती करती है।
