सडक़ से अस्पताल पहुंचाने पर उज्जैन के दो लोगों को मिला 25-25 हजार का इनाम

राहवीर योजना बनी मददगार, डेढ़ लाख रुपये तक का सडक़ दुर्घटना पीडि़त 13 लोग करा चुके फ्री इलाज

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर में भी राहवीर योजना का लाभ अब लोगों को मिलने लगा है। सरकार की योजना राहवीर में सडक़ दुर्घटना में घायल को अस्पताल तक पहुंचाने वाले उज्जैन के दो लोगों को 25-25 हजार रुपये का इनाम मिल चुका है। इसी तरह सडक़ दुर्घटना में घायल 13 लोग सडक़ दुर्घटना पीडि़त नकदी रहित उपचार योजना का लाभ ले चुके हैं।

चरक अस्पताल में पदस्थ राहवीर और सडक़ दुर्घटना पीडि़त नकदी रहित उपचार योजना के नोडल अधिकारी डॉ. शिव मेनिया ने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही राहवीर योजना में उज्जैन के दो लोगों को 25-25 हजार के इनाम से पुरुस्कृत किया गया है। इनमें बृजलाल मेघाणी ने 22 मई 2025 की रात को वैशाली पिता गोवर्धनलाल को चामुंडा चौराहा पर दुर्घटना होने पर चरक अस्पताल पहुंचाया था।

शासन की ओर से राहवीर योजना में इनको 25 हजार रुपये का इनाम देकर पुरुस्कृत किया गया। इसी तरह 24 अगस्त 2025 की सुबह 4.30 बजे सुमित सेन नाम का एक व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त एक पेशेंट को लाया था। इसको ईरिक्शा चालक चरक अस्पताल के गेट पर छोडक़र भाग गया था। इसका नाम भी 25 हजार रुपये के इनाम के लिये पंजीकृत कर लिया गया है।

डेढ़ लाख रुपये तक का कराया फ्री इलाज

डॉ. मेनिया ने बताया कि सरकार की सडक़ दुर्घटना में घायल एक और योजना का लाभ उज्जैन के 13 लोग ले चुके हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही सडक़ दुर्घटना पीडि़त नकदी रहित उपचार योजना में घायल प्रायवेट हास्पीटल में डेढ़ लाख रुपये तक का अपना इलाज करवा चुके हैं। उज्जैन जिले में इसके लिये 99 अस्पताल पंजीकृत हैं।

इन अस्पतालों में ही घायलों को इलाज दिया जाता है। इन अस्पतालों को ईडीआर पर पंजीयन करवाना होता है। इसके बाद ही वह इस योजना को संचालित करने के पात्र होते हैं।

उज्जैन शहर के पाटीदार हास्पीटल में 3, बग्गा मल्टीस्पेशियल हास्पीटल में 1, अपना हास्पीटल में 2, सहर्ष हास्पीटल 3, मैक्स केयर 1, तिरूपति हास्पीटल 1, उज्जैन आर्थो 1 एवं विशेष हास्पीटल 1 व्यक्ति का डेढ़ लाख रुपये तक का फ्री इलाज कर चुके हैं।

कलेक्टर-एसपी की मॉनिटरिंग

ऐसा नहंी है कि राजवीर योजना अर्थात घायल व्यक्ति को लाने वाला व्यक्ति जबरन 25 हजार रुपये लेने का पात्र हो जाय। इसकी मॉनिटरिंग करने के लिये अप्रैजल कमेटी बनाई गई है। इसमें कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ और आरटीओ को शामिल किया गया है। मामला आने पर इनके पास प्रप्रोजल भेजा जाता है। जांच के बाद भी घायल व्यक्ति को लाने वाला इसका पात्र होता है। इसी तरह सडक़ दुर्घटना पीडि़त नकदी रहित उपचार योजना में भी ईडीआर पोर्टल के माध्यम से जहां दुर्घटना हुई है, उस क्षेत्र के पुलिस थाने में सूचना पहुंचती है। जिसका भौतिक सत्यापन पुलिस के द्वारा किया जाता है।

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