सिंहस्थ 2028 : मुख्यमंत्री ने  370 करोड़ रुपयों के 11 विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

सिंहस्थ 2028 : मुख्यमंत्री ने  370 करोड़ रुपयों के 11 विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में आगामी सिंहस्थ 2028 में दुनिया भारतीय संस्कृति का वैभव देखेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवरात्रि के शुभ अवसर पर माँ हरसिद्धि और भगवान श्री महाकाल की कृपा से उज्जैन को लगभग 370 करोड़ (तीन सौ सत्तर करोड़) लाख रुपयों की लागत के 11 विकास कार्यों की सौगात दी। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भूमिपूजन किया गया।

सिंहस्थ 2028 के लिए बड़े कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के लिए कुछ समय पहले ही 2,575 करोड़ (दो हज़ार पाँच सौ पचहत्तर करोड़) रुपयों की लागत राशि से 22 प्रमुख कार्यों को मंज़ूरी दी गई है। उन्होंने सिंहस्थ को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा:

  • शिप्रा नदी पर लगभग 30 किलोमीटर लंबे, सुविधाओं से युक्त नए घाटों का निर्माण किया जा रहा है, और पुराने घाटों का उन्नयन किया जा रहा है। इससे 24 घंटों में लगभग 5 करोड़ (पाँच करोड़) श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की जा सकेगी।
  • शिप्रा नदी पर पुलों की शृंखलाएँ बनाई जा रही हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमारी मोक्षदायिनी शिप्रा मैया आने वाले दिनों में ‘पुलों वाली नदी’ के नाम से भी जानी जाएगी।
  • 111 करोड़ (एक सौ ग्यारह करोड़) रुपयों से अधिक की लागत से 4 नए पुलों की सौगात मिली है, जिनका निर्माण शिप्रा नदी पर होगा।
  • सिंहस्थ 2028 साधु-संतों की इच्छाओं के अनुसार सभी कार्य हो रहे हैं, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्राउड मैनेजमेंट, साथ ही मध्य प्रदेश और उज्जैन की कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए लागू भावांतर योजना का भी उल्लेख किया, जिससे 35 लाख (पैंतीस लाख) से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है।
  • विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने भी सिंहस्थ के लिए शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर घाटों के निर्माण की बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में कान्ह नदी का पानी शिप्रा में न मिले, इसके लिए कान्ह डाइवर्जन योजना का कार्य निरंतर जारी है।

अत्याधुनिक प्रशासनिक भवन और अन्य निर्माण कार्य

शहर के विकास और सुशासन के लिए नवीन कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन का निर्माण किया जाएगा। सभी ज़िला कार्यालय एक ही छत के नीचे हों, इस उद्देश्य से एक 7 (सात) मंज़िला और अत्याधुनिक संयुक्त प्रशासनिक भवन बनाया जाएगा।

  • यह 7 (सात) मंज़िला संयुक्त प्रशासनिक भवन 143.98 (एक सौ तिरेतालीस दशमलव नौ आठ) करोड़ रुपयों की लागत से बनेगा और लोक-कल्याण तथा सुशासन का उदाहरण बनेगा।
  • इसके साथ ही, अधिकारियों के लिए नवीन आवासीय भवनों का भी भूमिपूजन किया गया। ई.एफ.जी.एच. एवं आई टाइप के आवास गृहों के निर्माण पर 22.05 (बाईस दशमलव शून्य पाँच) करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  • इसके अतिरिक्त, लोक निर्माण विभाग द्वारा शिप्रा नदी पर 5 नए पुलों के निर्माण, प्रमुख मार्गों पर 6 नए विश्राम गृहों के निर्माण, केंद्रीय जेल उज्जैन में आवास गृहों, माधव नगर सिविल अस्पताल के उन्नयन, मुल्लापुरा में नवीन सर्किट हाउस और पंचक्रोशी यात्रा मार्ग पर सुविधा केंद्रों के निर्माण सहित 11 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया, जिनकी कुल लागत लगभग 370 करोड़ (तीन सौ सत्तर करोड़) लाख रुपये है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति कलावती यादव, और कलेक्टर, एस.पी. सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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