धार, अग्निपथ। दीपावली से पहले आ रहे दो दिन के पुष्य योग ने बाजार की उम्मीदें बढ़ा दी है। इस संयोग में लोग जमकर खरीदी करेंगे, इससे कारोबार में उछाल आएगा। पुष्य नक्षत्र में सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। चूंकि इस बार कीमत अधिक है, इसलिए अन्य सामान की तरफ भी लोगों का रुझान रहेगा। उसी के अनुरूप बाजार सजधज कर तैयार हो गया है। पं. शास्त्री ने बताया इस बार पुष्य नक्षत्र 14 अक्टूबर की सुबह 11:54 से 15 अक्टूबर को दोपहर 12 तक रहेगा। यूं तो पुष्य नक्षत्र हर महीने आता है, लेकिन दिवाली के पूर्व आने वाला पुष्य नक्षत्र खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ होता है। यह दिन धनतेरस से कुछ समय पहले आता है। बहुत से लोग दिवाली की तैयारियों की शुरुआत इसी दिन से मानते हैं। इस बार मंगल-पुष्य और बुध-पुष्य का संयोग है। ऐसे में बाजार में १४ व १५ अक्टूबर को दो दिन बूम रहेगा।
व्यापारियों को बड़ी उम्मीद
दो दिवसीय पुष्य नक्षत्र को लेकर धार सहित जिले के प्रमुख बाजारों, विशेषकर सराफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा बाजार में विशेष तैयारियां की गई हैं। धनतेरस और दीपावली से पहले पड़ रहे इस महामुहूर्त का लाभ उठाने व्यापारियों ने ग्राहकों के लिए ऑफर और नई वैरायटी पेश की है। सराफा व्यापारियों को सोने-चांदी के आभूषणों और सिक्कों की जोरदार बिक्री की उम्मीद है, वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर में नई गाड़ियों की बुकिंग में तेजी देखी जा रही है।
शनि और गुरु का प्रभाव
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का विशेष महत्त्व माना गया है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और उपस्वामी बृहस्पति माने जाते हैं। कुछ मतों में स्वामी बृहस्पति और उपस्वामी शनि बताए गए है। कुल मिलाकर पुष्य नक्षत्र पर शनि और गुरु का प्रभाव रहता है।
त्रिकोण योग में खरीदी
गुरु से संबंधित वस्तुओं जैसे सोना, भूमि, बही-खाता, नई पॉलिसी, बैंक में एफडी, नए रेस्टोरेंट, मंडी के सौदे, धान-खाद-बीज का व्यवसाय, पशुओं का आयात, धार्मिक वस्तुएं, रत्न, अन्य व्यावसायिक वस्तुओं की खरीदी के लिए अत्यंत शुभ और लाभदायक होती है। शनि से संबंधित क्षेत्र वाहन, इलेक्ट्रिकल आइटम, बर्तन, कारखाना, नई फैक्ट्री, दुकान, वस्त्र, फर्नीचर क्षेत्रों में निवेश शुभ है। इस बार शनि-बृहस्पति का केंद्र-त्रिकोण योग शुभ रहेगा।
पुष्य नक्षत्र दो दिन रहेगा
पुष्य नक्षत्र का महत्व हिंदी में पोषण, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला होता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को नक्षत्रों का राजा बताया गया है, जबकि ऋग्वेद इसे मंगलकर्ता कहता है। इसी कारण पुष्य नक्षत्र को शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। इस बार दिवाली पुष्य नक्षत्र लगभग २४ घंटे तक रहेगा। शास्त्री के अनुसार दिवाली पुष्य नक्षत्र १४ अक्टूबर दोपहर १२ बजे से १५ अक्टूबर दोपहर लगभग १२ बजे तक रहेगा। इस दौरान लोग वाहन, भवन, भूमि और गहनों तथा बर्तनों की भी खरीदी करते हैं तो ज्यादा श्रेयस्कर रहेगा।
सोने की खरीदारी में बरतें सावधानी
दीपावली नजदीक आने के साथ चांदी-सोने के सिक्कों का कारोबार चमकने लगा है। बाजार में कई वैरायटियों के सिक्के आ रहे हैं, ऐसे में ग्राहकों के सामने बड़ी चुनौती पहचान की है। सोने के सिक्कों की पहचान करना है तो परत पर नाइट्रिक एसिड डालने के बाद यदि पीला दाग और उभर कर आता है तो सिक्का नकली होगा।
चांदी के सिक्कों की पहचान उसकी आवाज से की जा सकती है। फर्श पर गिराने पर असली सिक्का कम आवाज करेगा और वह भारी होगा, जबकि नकली सिक्का झनझनाहट की आवाज करेगा। सिक्के पर नाइट्रिक एसिड डालने पर असली सिक्के का रंग नहीं बदलेगा, जबकि नकली का रंग बदल जाएगा।
