पोलायकला, अग्निपथ। पोलायकला, जिले के किसानों द्वारा कई बार हिरण और नीलगाय से फसलों में होने वाले नुकसान को लेकर ज्ञापन दिए गए। इसी के तहत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को नीलगाय एवं हिरण के प्रकोप से किसानों को हो रहे नुकसान को लेकर कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री के समक्ष कई बार बात रखी और आखिरकार सरकार सक्रिय हुई।
फॉरेस्ट विभाग ने प्रथम दृष्टया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम उमरसिंगी, खड़ी रोड, इमली खेड़ा, भानिया खेड़ी, डुंगलाय और अरनियाकला में हिरण एवं नीलगाय के रेस्क्यू अभियान चलाने की योजना बनाई है। दक्षिण अफ्रीका से रेस्क्यू टीम 14 अक्टूबर को रवाना होगी और 15 अक्टूबर से रेस्क्यू अभियान कालापीपल विधानसभा के गांवों में शुरू होगा, जहाँ मोरटा केवड़ी के समीपस्थ ग्राम उमरसिंगी में पहुँचकर रेस्क्यू करेगी। जिससे आने वाले दिनों में गेहूँ, चना, मसूर, प्याज और लहसुन में होने वाले नुकसान से किसानों को निजात मिलने की पूरी उम्मीद है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन हेलीकॉप्टर से किया जाएगा।
विश्व लेवल के विशेषज्ञ और टीम रहेगी मौजूद
बोमा पद्धति से हिरण और नीलगाय का रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाली टीम में विश्व लेवल के पांच विशेषज्ञों के साथ १२ सदस्यों की टीम अलग से रहेगी। साथ ही भोपाल से फॉरेस्ट विभाग के आला अधिकारी भी इस ऑपरेशन में शामिल होंगे। फॉरेस्ट विभाग के एसडीओ प्रभारी फतह सिंह निमाना ने जानकारी देते हुए बताया कि शुजालपुर से लेकर कालापीपल विधानसभा में अलग-अलग पॉइंट बनाए गए हैं, जिनको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। बोमा पद्धति से नीलगाय और हिरण का रेस्क्यू ऑपरेशन हेलीकॉप्टर के द्वारा विशेषज्ञ टीम करेगी।
पहले भी हो चुकी है मॉनिटरिंग
ग्राम उमरसिंगी खड़ी के किसान कमल सिंह गुर्जर और सुभाष पारीदार ने कहा कि पहले भी एक बार दक्षिण अफ्रीका की टीम सर्वे कर चुकी है, परंतु धरातल पर कार्य नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के हित में मध्य प्रदेश सरकार व क्षेत्रीय विधायक के द्वारा यह सकारात्मक कदम उठाया गया है, तो हम किसान इसका स्वागत करते हैं। निश्चित ही अगर हिरण, नीलगाय और रोजडे का रेस्क्यू ऑपरेशन होता है, तो इस क्षेत्र के किसानों को बहुत लाभ होगा।
विधायक ने किसानों और ग्रामीणों से की अपील
क्षेत्रीय विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने किसानों और ग्रामीणों से अपील की है कि जिन क्षेत्रों में हिरण और नीलगाय झुंड में हों, उसकी सूचना रेस्क्यू टीम या वन विभाग को दें। लोकेशन के आधार पर रेस्क्यू टीम वहाँ पर पहुँचेगी और अपनी तैयारी पूर्ण करेगी। विधायक ने कहा कि जनता के सहयोग से ही यह अभियान सफल हो पाएगा।
