नंदी हॉल में अधिकारियों ने सपत्निक किया अभिषेक, चांदी के सिक्के, वस्त्र भेंट
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में शनिवार को शनि प्रदोष के खास संयोग के साथ ही पुरोहितों ने परंपरागत रूप से धनतेरस का पूजन किया। इस पूजन में उज्जैन कमिश्नर आशीष सिंह, कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक व एसपी प्रदीप शर्मा प्रमुख रूप से शामिल हुए। चारों अधिकारियों ने सत्पनिक उपस्थित होकर नंदी हॉल में बैठकर पूजन संपन्न किया। मंदिर की पुरोहित समिति द्वारा यह आयोजन रखा गया।
समिति के अध्यक्ष पंडित लोकेंद्र व्यास, सचिव दीपक शर्मा ने बताया कि पुरोहितों ने गर्भगृह में भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन कर अनुष्ठान प्रारंभ किया। इसके पश्चात नंदी हॉल में अधिकारियों की मौजूदगी में अभिषेक-पूजन, गणपति, गौरी पूजन व कुबेर, लक्ष्मी पूजन संपन्न किया गया। इसके पश्चात गर्भगृह में दीपक लगाए गए।
पूजन के बाद सभी अधिकारियों को पुरोहितों ने चांदी के सिक्के, वस्त्र, मिठाई व फल आदि भेंट कर दुपट्?टे से सम्मानित किया। पूजन में पुरोहितों के साथ अधिकारियों ने भगवान महाकाल से जनकल्याण व सुख, समृद्धि और आरोग्यता की कामना की।
पूजन में प्रमुख रूप से पुरोहित राधेश्याम शास्त्री, सत्यनारायण जोशी, आदेश शर्मा, शिवम शर्मा, रूपम शर्मा, पीयूष चतुर्वेदी, संदीप शर्मा, टोनी गुरु, तिलक व्यास, आशु भट्ट सहित समस्त पुरोहित एवं प्रतिनिधि शामिल हुए। पूजन के पश्चात महाकाल मंदिर का कवरेज करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों का भी पुरोहितों ने दुपट्टा ओढ़ाकर व मिठाई भेंट कर सम्मान किया।
महाकाल में रूपचौदस 20 को
भस्मारती में अभ्यंग स्नान व अन्नकूट महाकाल मंदिर में कल 20 अक्टूबर को मुख्य रूप से सबसे पहले परंपरा अनुसार दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। मंदिर के पुजारी ओम गुरु, राजेश गुरु, राघव गुरु, आकाश गुरु ने बताया कि सुबह पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को उबटन लगाएंगी।
भगवान का अभ्यंग स्नान होगा। इसके बाद गर्भगृह में अन्नकूट लगाया जाएगा। एक फुलझझड़ी जलाकर दीपावली मनाई जाएगी। वहीं शाम को कोटितीर्थ कुंड पर हजारों दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस बार 20 अक्टूबर की अल सुबह रूप चौदस का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन शाम को प्रदोष काल में दीपावली होगी।
सांदीपनि आश्रम में कुबेर के दर्शन पूजन व इत्र लगाने उमड़े श्रद्धालु
धनतेरस के अवसर पर सांदीपनि आश्रम में स्थित 84 महादेवों में एक कुंडेश्वर महादेव मंदिर में विराजित कुबेर देव की का आभूषणों से श्रृंगार, पूजन कर भोग लगाया व आरती की गई। सुबह से यहां श्रद्धालु भगवान कुबेर के दर्शन-पूजन करने व इत्र लगाने के लिए उमड़े। पुजारी शिवांश व्यास ने बताया मान्यता है कि धनतेरस पर कुबेर जी की नाभि में इत्र लगाने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
