धार, अग्निपथ। वन विभाग द्वारा धार शहर के प्राचीन कालभैरव तीर्थ स्थित पहाड़ी पर एक भव्य नगर वन (सिटी फ़ॉरेस्ट) को आकार दिया जा रहा है। यह परियोजना अब तेज़ी से पूरी होने की ओर है, जहाँ पहले चरण में पौधारोपण के बाद अब दूसरे चरण का सिविल वर्क भी लगभग पूरा हो चुका है। शहर की भीड़भाड़ से दूर, प्रकृति और सुकून चाहने वाले लोगों के लिए यहाँ एक हॉल, पिकनिक स्पॉट और वॉकिंग ट्रैक बनाया गया है। यह स्थान जल्द ही शहरवासियों को जंगल की अनुभूति कराएगा। पहाड़ी को विकसित करने की कवायद जारी है, जिसके तहत गेट और हॉल सहित अन्य निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं, ताकि यह प्रोजेक्ट समयसीमा में पूरा हो सके।
अलग-अलग प्रकार के वन विकसित किए जा रहे हैं।
धार नगर में विकसित हो रहा यह सिटी फ़ॉरेस्ट अब केवल हरियाली का प्रतीक नहीं, बल्कि पर्यावरण शिक्षा, जैव विविधता और पर्यटन का एक अनोखा केंद्र बनने जा रहा है। वन विभाग द्वारा यहाँ पंद्रह अलग-अलग वैरायटी के वन विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें तेलंगाना पैटर्न का एक विशेष गार्डन भी शामिल होगा। आने वाले समय में यह स्थान शहरवासियों के लिए सैर-सपाटे, अध्ययन और प्राकृतिक सौंदर्य का नया केंद्र बनने जा रहा है।
धार नगर के जमनजत्ती क्षेत्र में वन विभाग द्वारा विकसित किया जा रहा यह सिटी फ़ॉरेस्ट प्रोजेक्ट अब तेज़ी से आकार ले रहा है। इस परियोजना की बड़ी ख़ास बात यह है कि इसमें पंद्रह अलग-अलग प्रकार के वन विकसित किए जा रहे हैं। प्रत्येक वन क्षेत्र को छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया गया है, ताकि हर क्षेत्र अपनी विशिष्ट पहचान रख सके।
पौधारोपण के साथ रोड भी तैयार।
राजस्व विभाग की पहाड़ी पर वन विभाग द्वारा नगर वन परियोजना के तहत क़रीब दो करोड़ रुपये की लागत से पौधारोपण किया गया है। अब प्रस्तावित पिकनिक स्पॉट, हॉल, पाथ-वे और गेट निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है। इधर नगर वन तक आम जनों की पहुँच आसान करने के लिए सड़क की व्यवस्था भी हो गई है। इसके तहत क़रीब पाँच सौ मीटर लंबी एप्रोच रोड का निर्माण किया गया है। यह सड़क कालभैरव मंदिर के गेट से होते हुए पहाड़ी के मुख्य गेट तक बनाई गई है। धार डिप्टी रेंजर बबीता बघेल ने बताया कि डीएफओ विजयआनंदम टीआर के मार्गदर्शन में प्रोजेक्ट को समयसीमा में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके तहत बचे हुए सिविल वर्क का काम शुरू करवाया गया है, ताकि लोगों की आवाजाही को शुरू करवाया जा सके।
औषधीय महत्व वाले पौधों का चयन।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन क्षेत्रों में स्थानीय प्रजातियों के साथ-साथ छायादार, फलदार और औषधीय महत्व वाले पौधों का चयन किया गया है। इसके अतिरिक्त तेलंगाना पैटर्न पर आधारित एक विशेष गार्डन भी तैयार किया जाएगा, जो आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस गार्डन में पौधों की ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे उनका सौंदर्य और पारिस्थितिकी महत्व दोनों स्पष्ट रूप से समझा जा सके। वन विभाग का कहना है कि यह सिटी फ़ॉरेस्ट न केवल पर्यावरणीय संतुलन को मज़बूत करेगा, बल्कि शहरवासियों को प्राकृतिक वनस्पतियों का ज्ञान प्राप्त करने का एक जीवंत मंच भी प्रदान करेगा।
लोगों को अपनी ओर खींचेगा नगर वन।
यहाँ आने वाले लोग विभिन्न वनस्पतियों को नज़दीक से देख सकेंगे, उनके बारे में जान सकेंगे और प्रकृति के महत्व को समझ सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, परियोजना को अब तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि आगामी नए वर्ष में आम नागरिक इसके प्रारंभिक स्वरूप को देख सकें। सिटी फ़ॉरेस्ट के पूर्ण रूप से तैयार होने के बाद यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए विश्राम स्थल बनेगा, बल्कि पर्यावरण प्रेमियों और विद्यार्थियों के लिए भी अध्ययन व जागरूकता का केंद्र साबित होगा। वन विभाग का विश्वास है कि सिटी फ़ॉरेस्ट विकसित होने के बाद यह न केवल शहर को स्वच्छ वायु और हरियाली देगा, बल्कि आने वाले समय में धार का नया पर्यटन स्थल बनकर उभरेगा।
विलुप्त होती प्रजातियों पर रहेगा ज़ोर।
वन विभाग द्वारा विलुप्त होती प्रजातियों के पौधों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से एक विशेष नर्सरी की योजना चल रही है। इस आधुनिक नर्सरी में देशी और विदेशी दुर्लभ पौधों की पौध तैयार की जाएगी। यह योजना जल्द ही धरातल पर उतरेगी, जहाँ छात्रों को ट्रेनिंग और इंटर्नशिप के अवसर भी मिलने थे। साथ ही ग्रह-नक्षत्र आधारित और औषधीय पौधों की विशेष श्रेणी भी तैयार होगी। विलुप्त होती प्रजातियों की नर्सरी में उन पौधों को प्राथमिकता दी जानी थी, जो अब सामान्यतः दिखाई नहीं देते, ताकि विलुप्त प्रजातियों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
फ़ैक्ट फ़ाइल
| विशेषता | विवरण |
| क्षेत्रफल | पचास हेक्टेयर (दो सौ बीघा) |
| पौधों की संख्या | आठ हज़ार विभिन्न पौधे लगाए गए। |
| आकर्षण | गुलाब-कैक्टस वैली और चार नए गार्डन बनेंगे। |
| सुविधाएँ | वनों की अनुभूति करते हुए वॉक की सुविधा, हॉल, पिकनिक स्पॉट। |
| जल संरक्षण | चैक डेम, ट्रेंच और छोटे तालाब का निर्माण। |
| स्थान | प्राचीन कालभैरव तीर्थ के समीप पहाड़ी पर तैयार हो रही पिकनिक डेस्टिनेशन। |
