प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने का पूरा अधिकार

जबलपुर। माननीय उच्च न्यायालय में लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस हेतु लंबित याचिका का निर्णय देते हुए मुख्य न्यायाधीश सम्माननीय श्री संजय यादव एवं श्री राजीव कुमार दुबे ने 4 नवंबर 2020 को निर्णय देते हुए कहा की प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने का पूर्ण अधिकार है। स्कूल इसके अलावा अन्य शुल्क एवं चार्जेस वसूल नहीं कर सकेंगे। बच्चों को बिना शुल्क वृद्धि करें गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देने से वंचित नहीं किया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने निर्णय में कहा कि प्राइवेट स्कूलों के वेतन आदि बहुत खर्चे हैं उन्हें सरकार से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिलती है, सभी खर्चे ट्यूशन फीस से ही संचालित किए जाते हैं। शिक्षा संहिता के अनुसार स्कूल को फीस लेने का पूर्ण अधिकार है। जिस पर न्यायालय द्वारा किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई है। इस अनुसार स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस (शैक्षणिक शुल्क) लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

उच्च न्यायालय द्वारा 1 सितंबर 2020 के अपने आदेश को भी यथावत रखते हुए कहा कि स्कूल कोरोना काल में किसी प्रकार की शुल्क वृद्धि नहीं करेंगे। वहीं बच्चों को पूर्व अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित भी नहीं करेंगे यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी राज्य शासन द्वारा स्कूल खुलने के एक माह बाद फीस बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकेगा किंतु प्राइवेट स्कूलों द्वारा स्कूल खुलने के बाद ट्यूशन फीस के अलावा किसी प्रकार का एरियर्स वसूल नहीं करेंगे।

अभिभावकों एवं विभिन्न पालक संघ द्वारा लगातार निजी स्कूलों पर आरोप लगाकर नो स्कूल नो फीस के साथ अन्य मदों को लेकर फीस वसूल करने का आरोप लगाया जा रहा था जिसके बाद कई तरह की याचिका हाई कोर्ट में पेश की गई थी इन सब पर सुनवाई करते हुए मुख्य उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व आदेश को यथावत रखते हुए 13 पन्नों का फैसला दिया है।

30 जून तक जमा कर सकते हैं फीस

यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा अपने जवाब में स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा 24 अप्रैल एवं 6 मई को जारी आदेश भी उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए इन आदेशों में निर्देशित किया गया की पालक 2019 -20 का बकाया शुल्क 30 जून तक बिना विलंब शुल्क के जमा कर सकेंगे। स्कूलों द्वारा 2020-21 में किसी प्रकार की शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी। पालको से एकमुश्त फीस अदायगी हेतु बात भी नहीं किया जाएगा। फीस जमा नहीं करने पर किसी भी बच्चे का नाम नहीं काटा जाएगा। स्कूलों द्वारा ऑनलाइन अध्यापन गतिविधि प्रारंभ की गई है अथवा करना चाहते हैं तो ऐसी गतिविधियां जारी रख सकेंगे। इस हेतु ट्यूशन फीस के अलावा अतिरिक्त शुल्क नहीं लेंगे विद्यालय में कार्यरत स्टाफ को नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया जाएगा।

Next Post

10 हजार रुपए लेट फीस के साथ परीक्षा के एक महीने पहले तक छात्र भर सकेंगे परीक्षा फॉर्म

Thu Nov 5 , 2020
छात्रों को राहत: माशिमं ने एक महीने की और रियायत दी इंदौर। प्राइवेट फॉर्म भरकर बोर्ड परीक्षा देने वाले इंदौर जिले के करीब 20 हजार छात्रों के साथ ही प्रदेशभर के करीब साढ़े 3 लाख छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड परीक्षा के फॉर्म […]
mpbse