धार में बेमौसम बारिश से बिगड़ा रबी की बोवनी का गणित, किसान परेशान

धार, अग्निपथ। धार अंचल में पहले डीप डिप्रेशन और अब मोंथा चक्रवात के कारण हो रही लगातार बेमौसम बारिश ने रबी की बोवनी का पूरा गणित बिगाड़ दिया है। अमूमन इस समय तक 50 फीसदी से ज़्यादा बोवनी हो जाती है, लेकिन खेतों में पानी भरने के कारण किसान बोवनी के लिए नहीं जा पा रहे हैं। परिस्थितियों को देखते हुए, कृषि विभाग ने किसानों को मौसम खुलने तक बोवनी नहीं करने की एडवायजरी (परामर्श) जारी की है।

सामान्यतः, खरीफ की कटाई के बाद 15 नवंबर तक मटर, लहसुन और चने की बोवनी का काम पूरा हो जाता है, और नवंबर के अंत तक गेहूँ भी लगा दिया जाता है। लेकिन इस बार हालात पूरी तरह से बदले हुए हैं। खलिहान में काटकर रखी खरीफ की फसल खराब होने की आशंका के साथ-साथ, किसान रबी की बोवनी में भी पिछड़ गए हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश से बीजों के अंकुरण में दिक्कत आएगी, जिससे जिन किसानों ने पहले बोवनी कर दी है, उन्हें नुकसान झेलना पड़ सकता है।

उपज खराब होने के डर से मंडी नहीं जा रहे किसान

एक ओर किसान बोवनी करने में लेट हो गए हैं और दूसरी ओर लहसुन व मटर की फसलों में भी पीछे रह गए हैं। किसानों को इस वक्त आने वाली फसलों के लिए नकदी की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है, लेकिन बेमौसम बरसात ने उनकी चिंताएँ बढ़ा दी हैं। किसान मंडियों में अपनी उपज (विशेषकर सोयाबीन) ले जाने से कतरा रहे हैं, क्योंकि मंडी में किसानों की फसल रखने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। इस बारिश ने खेती के काम को ठप कर दिया है, जिससे किसानों के लिए आने वाली फसलों के लिए खाद की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है।

गेहूँ, मटर और लहसुन की फसल को नुकसान की संभावना

जिन किसानों ने रबी सीज़न में गेहूँ, चना, मटर और लहसुन की बोवनी की है, उनका कहना है कि बेमौसम बारिश से गेहूँ की फसल में पीलापन देखने को मिल रहा है। मटर की फसल तो अभी खेतों से बाहर नहीं हुई है और उसके उगने की उम्मीद ना के बराबर है। महंगे बीज लगाकर लहसुन की बोवनी करने वाले किसान भी अब पछता रहे हैं, क्योंकि यह मौसम फसलों को नुकसान पहुँचा रहा है।

बारिश से मंडी में अफरा-तफरी, करोड़ों का नुकसान

इस बरसात ने कृषि उपज मंडी में भी अफरा-तफरी मचा दी है। मंडी प्रशासन ने बारिश को देखते हुए किसानों को पहले ही अलर्ट कर तिरपाल लाने के निर्देश दिए थे। पिछले सप्ताह से शुरू हुई यह बारिश अब तक जारी है—दिन में धूप निकलती है तो शाम होते ही बारिश शुरू हो जाती है। मंडी व्यापारी जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बारिश में मंडी में करीब 1500 क्विंटल सोयाबीन और 500 क्विंटल मक्का भीग गई है। इसमें व्यापारियों का लगभग ₹25 लाख (पच्चीस लाख रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ है। बारिश के कारण सोयाबीन में 12 से 18 प्रतिशत तक की नमी आई है, जिसके कारण भाव में भी अंतर आ रहा है।

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