केंद्र सरकार द्वारा 44 साल से अधिक के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम 1 अप्रैल से शुरू कर दिया गया है। पूर्व में यह वैक्सीन 44 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को लगाई जा रही थी जो किसी बीमारी से ग्रसित थे। किंतु अब यह सभी को लगाई जा रही है। जो 1 जनवरी 1977 के पूर्व जन्मे हों।
1 अप्रैल से लागू इस वैक्सीनेशन कार्य पर राजनीति भारी हो गई है। गली-मोहल्ले के नेता वैक्सीन के कार्य में इस तरह टूट पड़े हैं जैसे कि वह अपने घरों से वैक्सीन लगवा रहे हैं। कुल जमा वैक्सीन पर राजनीति भारी होती नजर आ रही है। जब से यह वैक्सीन प्रत्येक वार्ड में लगाने का कार्य शुरू हुआ है, तब से तो पार्षद पद का हर दावेदार 44 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के मान-मनौव्वल कर टीकाकरण केंद्र लेकर आ रहा है।
जिसने कभी किसी को पानी का नहीं पूछा वह दावेदार टीकाकरण केंद्र पर पानी लेकर खड़े नजर आ रहे हैं। सुबह से टीकाकरण केंद्र पर कलफदार कपड़े पहनकर ऐसे पहुंच रहे हैं जैसे पूरा टीकाकरण उन्हीं के निर्देश में हो रहा हो। ऐसे नेताओं की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कतें उन स्वास्थ्यकर्मियों को आ रही हैं जो टीकाकरण केंद्र पर मौजूद हैं।