आगर में बनी रणनीति
बडौद, अग्निपथ। भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने लैंड पुलिंग कानून और खेतों में स्थायी निर्माण के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन छेड़ने की घोषणा कर दी है। संगठन ने कहा है कि सरकार से बार-बार चर्चा के बाद भी स्पष्टता नहीं मिलने के कारण अब 18 नवंबर से उज्जैन में ‘घेरा डालो, डेरा डालो’ अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत होगी। इस आंदोलन में आगर जिले से भी सैकड़ों किसान शामिल होंगे।
इसी आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए शनिवार को आगर जिले के किसान संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक बडौद ब्लॉक के राणायरा केलवा में आयोजित हुई। बैठक में जिले भर से पदाधिकारी शामिल हुए।
आंदोलन की रूपरेखा और तैयारियों पर मंथन
बैठक को संबोधित करते हुए मालव प्रांत के प्रांतीय सह संगठन मंत्री दिनेश शर्मा और प्रांतीय उपाध्यक्ष डूंगर सिंह सिसोदिया ने संगठन की आगामी रणनीति पर प्रकाश डाला। जिला अध्यक्ष रामनारायण तेजरा ने कहा कि यह लड़ाई केवल उज्जैन के किसानों की नहीं है, बल्कि समस्त किसानों के अस्तित्व की लड़ाई है, जिसके लिए किसान को ही आगे आना पड़ेगा।
- ज्ञापन: आंदोलन के प्रथम चरण में, 10 नवंबर को मालवा प्रांत के सभी जिलों में लैंड पुलिंग कानून के विरोध में ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- घेरा डालो, डेरा डालो: 18 नवंबर से शुरू हो रहा यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा। इसके तहत किसान और उनके परिवार उज्जैन के प्रशासनिक भवन को घेरकर वहीं डेरा डालेंगे। किसान वहीं खाना बनाएंगे, खाएंगे और सोएंगे भी, जब तक लैंड पुलिंग कानून वापस नहीं लिया जाता।
- समर्थन: इस ऐतिहासिक आंदोलन में संत समाज, किसान परिवार, सामाजिक संगठन और जनसामान्य भी शामिल होंगे।
किसान संघ की जिला इकाई ने इस आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। जिलेभर के गाँवों में बैठकों का दौर जारी है। संगठन से जुड़े किसान परिवार, महिलाएँ और युवा वर्ग बड़ी संख्या में उज्जैन पहुँचकर आंदोलन को समर्थन देने का संकल्प ले रहे हैं।
सरकार की संवादहीनता पर आक्रोश
प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना (जो पूर्व में उज्जैन में प्रेस वार्ता कर चुके हैं) ने बताया था कि जब तक सरकार लैंड पुलिंग एक्ट और सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी निर्माण पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती, तब तक किसान किसी भी कीमत पर अपनी जमीन पर निर्माण नहीं होने देंगे।
- अस्तित्व की लड़ाई: आंजना ने स्पष्ट किया कि किसान संघ का यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह किसानों के अस्तित्व, स्वाभिमान और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
- पीड़ा और असंतोष: उन्होंने कहा कि सरकार की संवादहीनता और किसानों की जमीन लेने की जल्दबाजी ने ग्रामीण समाज में गहरा असंतोष पैदा किया है। उन्होंने जोर दिया कि संवाद ही समाधान है, टकराव नहीं।
बैठक में प्रांतीय पदाधिकारी, जिला मंत्री राघु सिंह चौहान, जिला कोषाध्यक्ष प्रमोद जोशी सहित अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे। बैठक से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आंजना ने भगवान बलराम और भारत माता का पूजन किया। ग्राम समिति द्वारा सभी पदाधिकारियों का साफा और उपर्ना ओढ़ाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिवनारायण आर्य ने किया। उक्त जानकारी जिला प्रवक्ता प्रमोद जोशी ने दी।
