सिंहपुरी में आताल-पाताल भैरव मंदिर में भी उत्सव व सवारी
उज्जैन, अग्निपथ। 12 नवंबर की रात 12 बजे भैरव अष्टमी के अवसर पर भैरवनाथ का जन्मोत्सव मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाएगा। प्रसिद्ध काल भैरव की सवारी 13 नवंबर को भैरवगढ़ में निकलेगी। इस बार भैरव अष्टमी ब्रह्म योग में मनाई जाएगी।
भैरव शिव के ही स्वरूप है। इसलिए महाकाल की नगरी में भैरव का जन्मोत्सव धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है। काल भैरव के पुजारी ओम प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि भैरव अष्टमी के उपलक्ष्य में 12 नवंबर की रात को जन्मोत्सव होगा एवं 13 नवंबर की शाम को 4 बजे मंदिर से श्री काल भैरव की सवारी निकाली जाएगी जो भैरवगढ़ में भ्रमण करेगी। पालकी का पूजन कलेक्टर व एसपी द्वारा किया जाएगा। भगवान काल भैरव को सिंधिया पगड़ी धारण कराई जाएगी।
सवारी मंदिर से केंद्रीय जेल चौराहे पर पहुंचेगी जहां मुख्य द्वार पर जेल पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद सवारी सिद्धवट पहुंचेगी, जहां पूजन-अर्चन के पश्चात वापस काल भैरव मंदिर लौटेगी। उज्जैन के अष्ट महाभैरवों में से एक सिंहपुरी स्थित श्री आताल-पाताल भैरव मंदिर पर भी भैरव अष्टमी पर उत्सव मनाया जाएगा। पं
डित अमर डब्बावाला ने बताया कि 13 नवंबर को मंदिर से ढोल, बैंड के साथ सवारी निकाली जाएगी जो पुराने शहर का भ्रमण करेगी। पालकी में भैरव नाथ की प्रतिमा रहेगी। भागसीपुरा स्थित श्री आनंद भैरव, कार्तिकचौक स्थित श्री तोपतोड़ भैरव मंदिर पर भी अभिषेक, पूजन, आरती व शृंगार दर्शन होंगे।
छप्पन भैरव महोत्सव एवं संगीत सभा 12 को
भागसीपुरा स्थित छप्पन भैरव मंदिर में 12 नवंबर को भैरव महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर भगवान को छप्पन भोग अर्पित कर अन्नकूट प्रसादी का वितरण किया जाएगा। सायं 6 बजे पूजन किया जाएगा। रात्रि 12 बजे 181 दीपों से महाआरती की जाएगी। चलित भंडारा सायं 6.30 बजे से प्रारंभ होगा। इस दौरान भजन संध्या भी होगी। यह महोत्सव संतोष देसाई व नीरज देसाई के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर भगवान को सभी प्रकार के खाद्य, पेय व सुगंधित इत्र अर्पित किए जाएंगे। मंदिर के पुजारी पं. श्रीधर व्यास ने बताया कि यह मंदिर प्राचीन है, जहां सम्राट विक्रमादित्य स्वयं पूजन करने आते थे। श्रीकृष्ण देसाई व रीतिका देसाई द्वारा पूजन अभिषेक किया जाएगा। पं. जगदीश भट्ट द्वारा छप्पन भैरव का पूजन अर्चन अभिषेक तथा राकेश व्यास द्वारा भगवान का शृंगार कर चोला चढ़ाया जाएगा। भजन संध्या का संचालन पं. चंद्रशेखर व्यास करेंगे।
