राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024: खरगोन बना पश्चिम क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ जि़ला

18 को राष्ट्रपति दिल्ली में करेंगी पुरस्कृत

खरगोन, अग्निपथ। खरगोन जिले को जल संरक्षण के उत्कृष्ट कार्यों के लिए छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 के तहत पश्चिम क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा 18 नवंबर को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा।

पुरस्कार की घोषणा बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा की गई। जिले की वर्तमान कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल इस समारोह में प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित होंगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार के अंतर्गत पश्चिम क्षेत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ जिला श्रेणी में जिला खरगोन को प्रथम पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में जिला खंडवा की कावेश्वर पंचायत (संयुक्त विजेता) को द्वितीय पुरस्कार की घोषणा अभिनंदनीय है। इस उपलब्धि के लिए स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को हार्दिक बधाई।

जल संरक्षण और पुनर्भरण के उल्लेखनीय कार्य

खरगोन को यह सम्मान जिले में हुए व्यापक और सफल जल संरक्षण कार्यों के लिए मिला है। नदियों के संरक्षण और तटों के जीर्णोद्धार के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

  • नदी संरक्षण और जल स्तर वृद्धि: नर्मदा, नानी, वंशावली और बोराड़ जैसी सहायक नदियों के किनारे आठ हज़ार (8,000) हेक्टेयर क्षेत्रफल को स्टॉप डैम, चेक डैम, खेत तालाब, और लूस बोल्डर स्ट्रक्चर से संरक्षित किया गया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि जो सहायक नदियाँ पहले नवंबर या दिसंबर तक सूख जाती थीं, वे अब अप्रैल माह तक अविरल बहती हैं।
  • अतिक्रमण से मुक्ति और निधिवन: कुंदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र के किनारे 627 स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण से मुक्त कराई गई 106 एकड़ भूमि पर निधिवन स्थापित कर उसे पर्यटन स्थल बनाया गया है।
  • भूजल स्तर में सुधार: जिले में काउंटर ट्रेंच, चेक डैम, पर्कोलेशन टैंक, गली प्लग और गैबियन जैसे कुल 4 लाख 21 हज़ार 182 कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिससे भूजल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • जल निकायों का जीर्णोद्धार: जिले के सभी जल निकायों की मैपिंग कर राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टि की गई है और 45 ऐतिहासिक बावडिय़ों का जीर्णोद्धार किया गया है।
  • जल भंडारण क्षमता: जिले में 156 नए अमृत सरोवर सहित कुल 2 करोड़ 31 लाख 75 हज़ार 828 घनमीटर की जल भंडारण क्षमता विकसित की गई है।

वृक्षारोपण और जन जागरूकता

जिले में पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता पर भी ज़ोर दिया गया है।

  • सफल वृक्षारोपण: 5 हजार 400 हेक्टेयर में 30 लाख वृक्षों का पौधारोपण किया गया है, जिनकी उत्तरजीविता दर 95 प्रतिशत है।
  • पुनर्चक्रण इकाइयाँ: अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण के लिए 15 इकाई, 4 मलजल उपचार संयंत्र और 94 अपशिष्ट स्थिरीकरण कुंड संचालित हैं।
  • जागरूकता अभियान: 2 हज़ार 277 सफाई अभियान, 605 क्षमता निर्माण कार्यशाला, और 200 ग्राम पंचायतों में कलश यात्रा का आयोजन किया गया, ताकि नागरिकों और कर्मचारियों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।

इस सफलता में तत्कालीन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और सीईओ आकाश सिंह के कुशल नेतृत्व ने अग्रणी भूमिका निभाई। जि़ले के दावों का सफल सत्यापन वर्तमान कलेक्टर मित्तल के नेतृत्व में केंद्रीय टीम द्वारा किया गया था।

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