रजिस्ट्री की सत्यापित प्रति के लिए मांगी थी 4 हजार रुपए रिश्वत
उज्जैन, अग्निपथ। उप पंजीयक कार्यालय उज्जैन में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नारायण सिंह रावत को भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय द्वारा 4 साल कैद की सजा एवं 8 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया है।
लोकायुक्त पुलिस ने बताया 7 अप्रैल 2021 में शैलेंद्र सिंह पवार निवासी तराना ने लोकायुक्त कार्यालय में आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके चाचा कमल ङ्क्षसह पवार बैंक से लोन लेना है। इसके लिए उन्हें रजिस्ट्री की सत्यापित प्रतिलिपि निकवानी है। इसके लिए जब वे चाचा को लेकर उपपंजीयक कार्यालय पहुंचे तो यहां पदस्थ भृ़त्य नारायण सिंह रावत ने उनसे रजिस्ट्री की प्रतिलिपि निकालने के एवज में 4 हजार रूपए की रिश्वत मांगी। लोकायुक्त ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ट्रैप प्लान किया और नारायण ङ्क्षसंह को रंगेहाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
लोकायुक्त पुलिस के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक ने रिश्वत लेने सबूत प्रमाण सहित पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने नारायण सिंह रावत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 4 साल की सजा एवं 8 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया।
