भगवान को शीत से बचाने के लिए ऊनी वस्त्र पहना रहे, भोग में गरम सामग्री
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में सिंधिया ट्रस्ट के प्रसिद्ध द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में भी ठंड के दिनों में भगवान की दिनचर्या में बदलाव किया गया है। वहीं शीत से बचाने के लिए भगवान को शृंगार में अब ऊनी वस्त्र पहनाए जा रहे हैं तो भोग में मौसम के अनुरूप गरम सामग्री ही परोसी जा रही है।
गोपाल मंदिर के पुजारी पवन शर्मा ने बताया कि यहां उत्पन्ना एकादशी पर्व से भगवान की दिनचर्या परिवर्तित होती है। परंपरा अनुसार अब प्रतिदिन भगवान को ऊनी वस्त्र धारण कराए जाएंगे तो आरतियों के समय में भी परिवर्तन कर दिया गया है। भोग में गरम दूध आदि कई तरह के घी व गुड़ से निर्मित पकवान अर्पित किए जा रहे हैं। जैसे-जैसे ठंडी बढ़ेगी गर्माहट के लिए और भी जतन किए जाएंगे। कई मंदिरों में सिगड़ी का उपयोग भी किया जाता है।
अब हो गया मंदिर में रोज आरती का समय
पुजारी के अनुसार गोपाल मंदिर में अब रोज की आरती का समय कांकड़ आरती सुबह 5.30 बजे, मंगला आरती सुबह 6 बजे, राजभोग आरती सुबह 10.30 बजे और मध्यान्ह शयन दोपहर 12 बजे होगा। संध्या आरती शाम 6.30 बजे और शयन आरती रात्रि 8.15 बजे से 8.30 बजे तक संपन्न की जाएगी। ठंड के अलावा इन आरतियों के समय में परिवर्तन हो जाता है।
