कक्षा 10वीं की दो छात्राएं परिजनों से नाराज होकर घर से निकली, 800 किलोमीटर दूर वाराणसी में मिली

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उज्जैन, अग्निपथ। पंवासा थाना क्षेत्र की रहने वाली 10 वीं कक्षा की दो छात्राएं 13 नवंबर को परिजनों से गुस्सा होकर एकसाथ घर से कोचिंग जाने का बोलकर निकली और ट्रेन में बैठकर उत्तरप्रदेश के वाराणसी पहुुंच गई। पुलिस ने मोबाइल फोन के आधार पर बच्चियों की लोकेशन निकाली और उन्हें तलाश कर रविवार दोपहर सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द किया।

थाना प्रभारी गमर सिंह मंडलोई ने बताया पंवासा की रहने वाली नाबालिग बालिकाएं 10 वीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। गुरुवार को दोनों बालिकाएं कोचिंग के नियत समय दोपहर 2.30 बजे घर से निकली थी। सामान्यत: वे शाम 4 बजे कोचिंग से पढकऱ वापस लौट आती हैं लेकिन गुरुवार को शाम 6 बजे तक वापस घर नहीं लौटी।

इस पर परिजनों ने कोचिंग सेंटर पर पूछताछ की तो पता चला कि उस दिन वे कोचिंग नहीं गई। परिजनों ने सभी रिश्तेदारों और परिचितों को कॉल कर पूछताछ की सभी संभावित जगहों पर तलाश किया लेकिन बालिकाओं का कुछ पता नहीं चल पाया। इसके बाद परिजनों ने पंवासा थाना पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस ने साइबर सेल की मदद ली। साइबर सेल ने बालिकाओं के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की। इनमें से एक बालिका का मोबाइल चालू होने से लोकेशन ट्रेस हो गई। पता चला कि बालिकाएं ललितपुर-झांसी रेलरूट पर हैं। कुछ ही देर बाद बालिकाओं की एक्जेक्ट लोकेशन मां कामाख्या एक्सप्रेस असम की ओर जाने वाली ट्रेन में मिली।

ट्रेन की लोकेशन निकाली तो यह ट्रेन वाराणसी की तरफ जाती हुई पाई गई। पुलिस ने तत्काल वाराणसी रेलवे स्टेशन पर आरपीटएफ को सूचित किया और बालिकाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट बताई।

आरपीएफ वाराणसी ने स्टेशन पर बालिकाओं को रोका और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन देकर थाने लाया गया। इसके बाद उज्जैन पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस परिजनों को साथ लेकर वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंची और बालिकाओं को सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द किया। बालिकाओं ने पूछताछ में बताया कि वे आगे की पढ़ाई कर कुछ बनकर दिखाने के लिए राजधानी भोपाल जाना चाहती थी लेकिन गलत ट्रेन में बैठकर वाराणसी पहुंच गई।

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