उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 275 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया गया, जिसे समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नववर्ष 2026 में 10 से 15 जनवरी तक महाकाल महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और शैव परंपरा से संबंधित प्रस्तुतियां होंगी।
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और बोनस, पुजारियों के मानदेय पर निर्णय
बैठक में श्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। मुख्य रूप से, मंदिर समिति के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और बोनस के भुगतान को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, श्रावण मास के दौरान सेवा देने वाले पंडे-पुजारियों के मानदेय को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया।
ऑनलाइन व्यवस्था होगी प्रभावी: ऑनलाइन दर्शन, टिकट और दान सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल प्रणाली के विस्तार पर भी गहन चर्चा हुई।
प्रशंसा और सुधार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू की गई ‘श्री अन्न प्रसाद योजना’ और ‘श्री महाकालेश्वर बैंड’ पहल की सराहना की गई।
भीड़ प्रबंधन में सुधार: दैनिक और त्योहारों के समय उमड़ने वाली भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रवेश और निकास मार्गों में आवश्यक सुधार करने पर सहमति बनी।
धर्मशालाओं का किराया और दरवाज़ों का नवीनीकरण
समिति ने मंदिर द्वारा संचालित अतिथि निवासों (धर्मशालाओं) की नई किराया दरें लागू करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही:
नए द्वार स्थापित होंगे: सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों पर आवश्यकतानुसार नए दरवाज़े स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया।
डिजिटल प्रचार: सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मंदिर की गतिविधियों के प्रभावी प्रसारण पर भी सहमति बनी।
श्रद्धालु सुविधाओं का आधुनिकीकरण: दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं को और अधिक व्यवस्थित एवं आधुनिक बनाने का निर्णय लिया गया। मंदिर परिसर की व्यवस्था, दर्शन व्यवस्था तथा प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
महाकाल महोत्सव की तैयारी
मंदिर समिति ने बैठक में नववर्ष 2026 में 10 से 15 जनवरी तक महाकाल महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, शैव परंपरा से संबंधित प्रस्तुतियां एवं प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। इस आयोजन में आम श्रद्धालु भी शामिल हो सकेंगे।
बैठक में उपस्थिति
बैठक में उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज, मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक, नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अतेंद्र सिंह, उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी, संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सीमा शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
