शाजापुर, अग्निपथ। जिले में परिसीमन के कारण 36 गांवों में एसआईर (SIR) कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मोहन बड़ोदिया जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले इन गांवों को राजस्व विभाग से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जिससे महत्वपूर्ण कार्य में भारी देरी हो रही है।
36 गांवों का यह समूह मोहन बड़ोदिया तहसील का हिस्सा है, लेकिन ये सुसनेर विधानसभा और राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। इस क्षेत्राधिकार के भ्रम के कारण ही जमीनी स्तर पर पटवारियों का सहयोग नहीं मिल रहा है।
तहसीलदारों के बीच क्षेत्राधिकार पर खींचतान
मोहन बड़ोदिया तहसीलदार दिव्या जैन का कहना है कि वे शाजापुर विधानसभा के कार्यों को देख रही हैं और सुसनेर विधानसभा में आने वाले इन 36 गांवों का कार्य नलखेड़ा तहसीलदार को देखना चाहिए।
नलखेड़ा तहसीलदार ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि भले ही विधानसभा सुसनेर हो, लेकिन तहसील मोहन बड़ोदिया है और पटवारी भी मोहन बड़ोदिया तहसील के हैं। इसलिए सहयोग के लिए मोहन बड़ोदिया तहसीलदार को ही आदेश जारी करना चाहिए।
जमीनी स्तर पर स्थिति
ग्राम बड़ौदी (मोहन बड़ोदिया तहसील और सुसनेर विधानसभा) में जमीनी जायजा लेने पर पता चला कि ग्राम रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षक ग्रामीणों के साथ मिलकर सहयोग कर रहे हैं। हालांकि, मतदान केंद्र क्रमांक 295 बड़ौदी के बीएलओ रमेशचंद्र भिलाला ने पुष्टि की कि राजस्व विभाग के पटवारी ने एसआईआर कार्य में एक भी दिन सहयोग नहीं किया।
मोहना मंडल के मंडल उपाध्यक्ष तूफान सिंह राजपूत ने भी इस बात की पुष्टि की कि केवल जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायत के कर्मचारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ही सहयोग कर रहे हैं, जबकि राजस्व विभाग का सहयोग न मिलने से कार्य बाधित है।
