फर्जी दस्तावेज से लिया था सिटी बस संचालन का ठेका
उज्जैन,अग्निपथ। जयपुर के एक ठेकेदार के खिलाफ गुरुवार को स्मार्ट सिटी मैनेजर ने माधवनगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। आरोप है कि ठेकेदार ने फर्जी दस्तावेज लगाकर ठेका लिया फिर एक करोड़ रुपए की सरकार को चपत लगा दी।
टीआई दिनेश प्रजापति ने बताया कि ई- गर्वनेस मैनेजर सचिन पिता एसके जैन निवासी ऋषिनगर ने रिपोर्ट लिखाई है कि वर्ष 2017 में नगर निगम वाहनों की डिजाइन, बस संचालन व रखरखाव की निविदा निकाली थी। 12 लोगों ने टेंडर भरा था, लेकिन सबसे कम बोली होने पर राजस्थान स्थित जयपुर निवासी मोहित अग्रवाल की मेसर्स प्रिसाईज ऑटो मेशन व रोबोटिक्स को टेंडर दिया था। कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के दौरान पता चला था कि अग्रवाल फर्जी दस्तावेजों से टेंडर हांसिल कर चला रहा है। नोटिस देने के दौरान भी वह कार्य करता रहा इस दौरान उसने 98 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर दी। मामले में केस दर्ज कर लिया है, जांच शुरू कर जल्द ही आरोपी को तलाशने दल जाएगा।
ऐसे पता चला कंपनी का सच
मोहित अग्रवाल का टेंडर होने पर स्मार्ट सिटी ने 6 अक्टूबर 2017 को उससे अनुबंध कर 4 दिसंबर को वर्क आर्डर दिया। 21 फरवरी को मोहित से अनुबंध संबंधी अवार्ड के लिए सही दस्तावेज मांगे। 1 फरवरी 2019 को उसने दावा किया कि निविदा में उसने कोई गलत दस्तावेज नहीं दिए। 30 मई 2020 को उसे सत्यापित दस्तावेज पेश करने के निर्देश के बावजूद उसने काम जारी रखा। नतीजतन 17 मार्च को फिर पूछताछ की गई। इसी के बाद जांच की जिसमें निष्कर्ष निकला कि अग्रवाल ने झूठे दस्तोवजों से निविदा हांसिल कर 98 लाख की धोखाधड़ी की है।