कक्ष और लैपटॉप बैग सील
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज (Government Engineering College) में रविवार की देर रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कॉलेज के तीन व्याख्याता (Lecturers) बिना किसी पूर्व अनुमति के एक बंद कक्ष में प्रवेश कर गए। इस घटना के बाद सोमवार सुबह कॉलेज के प्राचार्य जेके श्रीवास्तव ने नानाखेड़ा थाने में पुलिस को लिखित शिकायत दी है। प्राचार्य ने गंभीर आशंका जताई है कि तीनों व्याख्याता महत्वपूर्ण दस्तावेजों में हेरफेर करने या उन्हें हटाने के इरादे से कॉलेज परिसर में घुसे थे।
सूचना मिलते ही रात में ही पुलिस मौके पर पहुंची और संदिग्ध गतिविधि वाले कक्ष को सील कर दिया। इस बीच, दूसरे पक्ष यानी व्याख्याताओं ने भी थाने में अपना आवेदन सौंपकर अपना पक्ष रखा है। पुलिस ने दोनों पक्षों के आवेदन दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
आधी रात को गार्ड ने प्राचार्य को दी सूचना
कॉलेज के गार्ड और सुपरवाइजर राजेश गोसर ने रात करीब 11 बजे प्राचार्य श्रीवास्तव को फोन पर पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्याख्याता एमएल ठाकुर, एससी सोलंकी और एचके पटेल कॉलेज में अनाधिकृत रूप से घुसकर एक कक्ष में कुछ कागजात देख रहे हैं। इस पर प्राचार्य ने तत्काल डायल-100 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया।
पुलिस टीम के कॉलेज पहुंचते ही, जिस कक्ष में व्याख्याता मौजूद थे, उसे तुरंत सील कर दिया गया। इसके अलावा, कमरे में रखा एक लैपटॉप बैग भी पुलिस ने अपनी सुरक्षा में लेते हुए सील कर दिया। इसके बाद तीनों व्याख्याताओं को पूछताछ के लिए नानाखेड़ा थाने ले जाया गया। प्राचार्य श्रीवास्तव ने पुलिस को दी गई शिकायत में साफ कहा है कि उन्हें दस्तावेजों में संभावित हेरफेर की आशंका है।
प्राचार्य के मुताबिक, रात लगभग 2:30 बजे प्रोफेसर पेंढारकर के नेतृत्व में 8-10 लोगों का एक समूह फिर से कॉलेज आया। गार्ड की मौजूदगी में पहले से सील किए गए कक्ष और लैपटॉप बैग को नियमों के अनुसार दोबारा सील करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
व्याख्याताओं का पक्ष: ‘भोपाल से मांगे गए थे कागज़, परीक्षा की तैयारी कर रहे थे’
विवाद में आए प्रोफेसरों का कहना है कि उन्हें भोपाल से कुछ जानकारी से जुड़े दस्तावेज मंगवाए गए थे। वे केवल वही कागज़ लेने के लिए कॉलेज पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि कागज़ लेने के बाद वे नियमित रूप से परीक्षा के प्रश्न पत्र (पेपर सेट) तैयार करने के काम में बैठ गए, क्योंकि कॉलेज में 1 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। व्याख्याताओं ने यह तर्क भी दिया कि कॉलेज में सभी कर्मचारियों के अपने चैंबर (Chambers) हैं और प्रवेश के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।
यह घटना देर रात की है। हमें दोनों पक्षों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। दस्तावेजों में हेरफेर की शिकायत की गई है और दूसरे पक्ष ने कागज़ लेने की बात कही है। हम पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। नरेंद्र यादव, नानाखेड़ा थाना प्रभारी
