खरगोन, अग्निपथ। पिछले पाँच दिनों से खरगोन बस स्टैंड पर भटक रही एक आदिवासी महिला को ‘अग्निपथ’ की पहल पर उसके परिजनों से मिलाया गया। यह मानवीय प्रयास बुधवार देर रात सफल हुआ।
‘अग्निपथ’ प्रतिनिधि को बुधवार शाम सूचना मिली कि एक आदिवासी महिला पिछले पाँच दिनों से गुजरात जाने के लिए परेशान हो रही है, लेकिन वह यह नहीं बता पा रही है कि उसे गुजरात में कहाँ जाना है। प्रतिनिधि ने उसकी भाषा में उससे संवाद करने की कोशिश की, लेकिन जब सफलता नहीं मिली, तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की एफआरबी 1 डायल 112 टीम के प्रधान आरक्षक कालुसिंह चौहान और पायलट विजय कानूडे मौके पर पहुँचे और उन्होंने भी महिला से बात करने का प्रयास किया, पर वे भी असफल रहे।
महिला केवल बार-बार गुजरात जाने की बात कह रही थी, लेकिन वह कहाँ से आई और कैसे आई, यह बताने में असमर्थ थी। उसके पास न तो गुजरात का कोई पता था और न ही कोई सही संपर्क नंबर। गुजरात जाने वाली बस ऑपरेटर स्टाफ ने बताया कि पिछले पाँच दिनों से यह महिला हर गुजरात जाने वाली बस में चढ़ने का प्रयास करती है और पूछने पर सिर्फ इतना बताती है कि उसे ‘परली गुजरात’ जाना है, लेकिन कहाँ उतरना है यह नहीं बता पा रही है।
‘अग्निपथ’ प्रतिनिधि ने इसके बाद बस स्टैंड प्रभारी आरक्षक ललित भावसार को भी मौके पर बुलवाया। काफी प्रयासों के बाद जयस (JAYS) के जिला प्रभारी शांतिलाल बडोले से संपर्क किया गया और उन्हें रात करीब 9:00 बजे बुलवाया गया। देर रात जब श्री बडोले ने आकर महिला से संवाद स्थापित किया, तब जाकर पता चला कि महिला बड़वानी जिले के नागलवाड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम ढाबा पंजरिया की रहने वाली है।
महिला ने अपना नाम ख्याली बाई बताया और कहा कि वह अपने छोटे बेटे-बहू लालू के साथ रहती है, जो उसे प्रताड़ित करते और मारपीट करते हैं। इस प्रताड़ना से त्रस्त होकर वह गुजरात में ईंट भट्ठे पर काम कर रहे अपने बड़े बेटे नानसिंग के पास जाना चाहती थी। वह आठ दिन पहले घर से निकल गई थी और सेंधवा में उसके 500 रुपये भी चोरी हो गए थे। महिला दिनभर बस स्टैंड के आसपास ही घूमती थी और शाम को गुजरात जाने वाली गाड़ियों के समय स्टैंड पहुँचकर हर बस में चढ़ने की कोशिश करती थी।
श्री बडोले से बातचीत के दौरान महिला ने अपने पोतों की बहुत याद आने की बात कही। इसके बाद श्री बडोले ने उसके बताए हुए क्षेत्र में लोगों से संपर्क किया और महिला की फोटो व्हाट्सएप पर प्रसारित की, जिसके बाद उसके गाँव का पता चला और उसके रिश्तेदारों से संपर्क हो पाया। देर रात करीब 1:00 बजे महिला के रिश्तेदार खरगोन कोतवाली पहुँचे और महिला को समझा-बुझाकर अपने साथ वापस ले गए।
इस पूरे घटनाक्रम में ‘अग्निपथ’ की मानवीय पहल की पुलिस प्रशासन और जनता ने सराहना की है। साथ ही, पुलिस प्रशासन की तत्परता और जयस जिला प्रभारी शांतिलाल बडोले के सूझबूझ भरे प्रयास की भी लोग तारीफ़ कर रहे हैं।
