सीहोर, अग्निपथ। सीहोर स्थित वीआईटी कॉलेज में छात्रों के स्वास्थ्य संकट, भोजन-पेयजल की अव्यवस्था और प्रबंधन की लापरवाही के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने मोर्चा खोल दिया है। अभाविप ने गुरुवार को जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कठोर कार्रवाई, एफआईआर और उच्च-स्तरीय जाँच की मांग की। दूसरी ओर, प्रभारी मंत्री ने घटना पर मीडिया से चर्चा करते हुए छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लेने और प्रशासनिक कार्रवाई के निर्देश देने की बात कही।
अभाविप सीहोर के प्रांत कार्य समिति सदस्य हर्षित मेवाड़ा के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में वीआईटी भोपाल (वास्तविक स्थान सीहोर) में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया गया। परिषद ने बताया कि 17 हजार से अधिक छात्रों के बावजूद वीआईटी परिसर में स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वच्छ भोजन-पानी और प्रशासनिक जवाबदेही जैसी बुनियादी आवश्यकताएँ तक उपलब्ध नहीं हैं।
ज्ञापन में छात्रों को अवैध रूप से कमरों में रोके जाने, सुरक्षा गार्ड्स द्वारा छात्रों पर हमले करने, और प्रबंधन की निरंतर लापरवाही का ज़िक्र है। अभाविप ने आरोप लगाया कि छात्रों को उनकी इच्छा के विरुद्ध कमरों में बंद करना और आवाज़ उठाने पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा बल प्रयोग करना अत्यंत गंभीर मामले हैं, जिन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
हर्षित मेवाड़ा ने बताया कि पूर्व में भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन प्रबंधन की लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है। अभाविप ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए, घटना में संलिप्त सुरक्षा कर्मियों और उनकी एजेंसी पर एफआईआर दर्ज हो। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्यवाही नहीं होती है तो प्रदेशव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
प्रभारी मंत्री ने दिए जाँच और स्थायी समाधान के निर्देश
पिछड़ा वर्ग मंत्री एवं जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने जिला पंचायत सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक के पश्चात मीडिया से चर्चा की और वीआईटी कॉलेज की घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि छात्रों ने भोजन और पेयजल की गुणवत्ता तथा हॉस्टल प्रबंधन से संबंधित शिकायतें सामने रखी थीं।
गौर ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया और त्वरित कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम को तुरंत कैंपस भेजकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। साथ ही, भोजन और पानी के नमूने लेकर लैब परीक्षण के लिए भेज दिए गए हैं। उन्होंने हॉस्टल, फूड क्वालिटी और पानी की व्यवस्था की गहन समीक्षा कर कार्रवाई करने की बात कही।
प्रभारी मंत्री ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच कर उचित और स्थायी समाधान किया जाए। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त किया कि सरकार विद्यार्थियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को भविष्य में ऐसी परिस्थितियाँ न बनें, इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं।
