खरगोन, अग्निपथ। लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने बुधवार को खरगोन जिले में निर्माणाधीन खरगोन बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 347 का स्थल पर पहुँचकर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता श्री बी.पी. बोरासी, इंदौर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता श्री सी.एस. खरत, मुख्य अभियंता (भवन) श्री सुरेंद्र राव गौरखेड़े तथा अधीक्षण यंत्री श्री मयंक शुक्ला मंत्री के साथ मौजूद रहे।
माप परीक्षण के दौरान बाईपास पर चार स्थानों पर डीबीएम ($DBM$) की मोटाई तो मानक के अनुरूप पाई गई, किंतु उसका कॉम्पेक्शन (सघनता) असंतोषजनक मिला। इसके अलावा, शोल्डर पर इस्तेमाल किए गए पत्थर निर्धारित सीमा—50 मिमी से कम—से अधिक आकार के थे, जो सीधे तौर पर गुणवत्ताहीन कार्य की पुष्टि करता है।
लापरवाही पर त्वरित और कठोर कार्रवाई
निर्माण गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न निर्माण सामग्रियों के सैंपल लिए गए। सैंपल लेते समय यह भी सामने आया कि निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बैग उपलब्ध नहीं थे। इस गंभीर लापरवाही पर मंत्री श्री सिंह ने तत्काल कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस मामले में खरगोन प्रयोगशाला के प्रभारी अधीक्षण यंत्री श्री विजय सिंह पवार को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
संबंधित उपयंत्री के विरुद्ध कार्रवाई हेतु मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग को निर्देशित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, निर्माण स्थल पर सुपरविजन में अनियमितताएँ पाए जाने के कारण सुपरविजन कंसल्टेंट ICON के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि राष्ट्रीय राजमार्गों सहित किसी भी सड़क परियोजना में गुणवत्ता से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभागीय लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी एवं एजेंसियों पर तत्काल और कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
