3 घंटे तक मरीज का शव एम्बुलेंस में रखने के मामले में हुई कार्रवाई
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन-इंदौर रोड स्थित पामेचा अस्पताल प्रबंधन पर मरीज के शव को अस्पताल में नहीं रखते हुए बाहर करने की शिकायत के बाद सीएमएचओ ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन को 10 दिन में शव-संधारण की व्यवस्था करने और इन 10 दिनों में किसी नए मरीज को भर्ती करने पर रोक लगा दी है।
आगर मालवा की रहने वाली महिला के पति, 41 वर्षीय रितेश भोला को सीने में दर्द की शिकायत के बाद पामेचा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि 21 नवंबर को पति की मौत होने के बाद डॉक्टर ने शव को बाहर निकालने को कह दिया। दो छोटे बच्चों के साथ दुखी महिला ने डॉक्टर से आग्रह किया कि उनके परिजन ग्वालियर से आ रहे हैं, इसलिए कुछ घंटे शव को अस्पताल में ही रखने दें। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने अमानवीय व्यवहार करते हुए शव को अस्पताल से बाहर निकलवा दिया।
अस्पताल प्रबंधन को किसी भी नए मरीज को भर्ती करने पर रोक
मामले में अस्पताल प्रबंधन की शिकायत सीएमएचओ को की गई थी, जिसमें डॉ. अशोक पटेल ने पामेचा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल निदेशक को नोटिस जारी किया था। जांच कमेटी ने रिपोर्ट दी कि अस्पताल में शव-संधारण के लिए जरूरी इंतजामात नहीं हैं, जिसके चलते अस्पताल ने शव को बाहर कर दिया था।
अब जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रभारी सीएमएचओ सुनीता परमार ने कार्रवाई करते हुए पामेचा अस्पताल को 10 दिन में शव-संधारण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन को किसी भी नए मरीज को भर्ती करने पर भी रोक लगा दी गई है।
