उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना को लेकर जहां एक ओर सख्ती दिखाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर लापरवाही बरती जा रही है। मंदिर के कर्मचारियों, सफाई कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की हाजिरी अभी भी थंब मशीन से ही ली जा रही है। हालांकि मंदिर कर्मचारियों की थंब मशीन पर सोमवार को टेप लगाकर हाजिरी लेना बंद कर दिया गया, लेकिन फेस स्कैनिंग करवाना अनिवार्य किया गया है।
मंदिर में कोरोना की लहर फैलने के बावजूद अधिकारियों की अनदेखी के कारण इस प्रकार की व्यवस्था अभी तक लागू है।
पिछले वर्ष मार्च माह में लॉकडाउन लगा दिया गया था। 8 जून 2020 को जब मंदिर खोला गया तब मंदिर कर्मचारियों, सफाई कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की हाजिरी रजिस्टर से ली जाने लगी थी। क्योंकि थंब मशीन में थंब लगाने के चलते कोरोना संक्रमण का भय बना हुआ था।
लिहाजा मंदिर के अधिकारियों ने आदेशित कर इस प्रक्रिया को रुकवा दिया था। मंदिर के पूर्व प्रशासक सुजान सिंह रावत ने स्वयं थंब मशीन को बंद कराने के लिए आदेशित किया था। लेकिन कुछ माह पूर्व मंदिर के स्टोर शाखा से मौखिक आदेश निकाल कर मंदिर कर्मचारियों की थंब मशीन को अंगूठा लगाने के लिए फिर से शुरू करवा दिया गया।
लेकिन अब फिर से कोरोना संक्रमण दोगुनी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इसमें प्रशासनिक भवन के आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन थंब मशीन से हाजिरी लेना बंद नहीं करवाया गया।
सोमवार को मंदिर कर्मचारियों के प्रशासनिक भवन में लगी हम थंब मशीन पर टेप लगाकर हाजिरी लेना बंद करवा दिए गया। लेकिन फेस स्कैनिंग देना अनिवार्य कर दिया गया, जिसके चलते कोरोना संक्रमण कम होने की जगह और ज्यादा बढ़ेगा। फेस स्कैनिंग करते समय सही तरह से फोटो नहीं आने पर कर्मचारी इस पर हाथ फेर कर पुन: अपनी फेस की स्कैनिंग करता है। इसकी जगह यदि रजिस्टर से हाजिरी ली जाए तो कोरोना से बचाव कर्मचारियों का किया जा सकता है।
संक्रमण की आशंका
मंदिर में सफाई का ठेका संभालने वाली केएसएस कंपनी ने 20 मार्च से थंब मशीन से हाजिरी लेने की शुरुआत करवा दी गई थी। जो कि आज भी जारी है। निर्गम गेट के पास स्थित उनके कार्यालय के बाहर करीब 150 सफाई कर्मचारी रोज थंब मशीन से अपनी हाजिरी दे रहे हैं। जिसके चलते यहां कोरोना संक्रमण की आशंका बन रही है। मंदिर में सुरक्षा का ठेका संभालने वाली एसआईएस कंपनी के ऑफिस के बाहर भी थंब मशीन लगाई है, जहां सुरक्षाकर्मी अपने अंगूठा लगाकर हाजिरी भर रहे हैं।
एक तरफ प्रतिबंध तो दूसरी ओर ढिलाई
सोमवार को कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आशीष सिंह ने धारा-144 के आदेश में संशोधन कर श्री महाकालेश्वर मन्दिर स्थित नन्दी हॉल, जल द्वार, चांदी द्वार, नगाड़ा द्वार, प्रवचन हॉल द्वार के क्षेत्र तथा महाकाल मन्दिर प्रांगण में आवाजाही श्रद्धालुओं के लिये प्रतिबंधित कर दी है। केवल मन्दिर के पुजारी अथवा पुरोहित तथा मन्दिर के कर्मचारियों को उक्त प्रतिबंध से छूट प्रदान की गई है। हालांकि बेरिकेड्स से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों, सफाई कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की हाजिरी थंब मशीन से ली जा रही है। जोकि कोरोना संक्रमण फैलाव का कारण बन सकती है।