जनवरी 2026 से शुरू होगा काम
धार, अग्निपथ। महू-नीमच छावनी को जोड़ने वाले 115 साल पुराने घाटाबिल्लोद स्थित चंबल नदी पुल के दिन पलटने वाले हैं। अब इस जर्जर पुल के स्थान पर करीब 38 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक फोर लेन ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है।
MPRDC के अनुसार, वर्तमान पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जाएगा, जो लगभग 16 मीटर चौड़ा और करीब 500 मीटर लंबा होगा। यह फोर लेन श्रेणी का पुल महू-नीमच राष्ट्रीय राजमार्ग और इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच संपर्क को और भी सुगम बनाएगा।
अंग्रेजों के शासनकाल में बने इस पुराने पुल की बुनियाद भले ही मजबूत थी, लेकिन इसका फर्श कमजोर हो चुका था, जिससे भारी वाहनों के दबाव में हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती थी। MPRDC की डीएम पूनम कछवाया ने बताया कि 38 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हो चुकी है और जनवरी 2026 के पहले सप्ताह में निर्माण एजेंसी द्वारा मैदानी स्तर पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
निर्माण के दौरान यातायात व्यवस्था: पुराने पुल को हटाकर नया पुल बनाने के दौरान यातायात बाधित न हो, इसके लिए विशेष योजना बनाई गई है। भारी वाहनों को घाटाबिल्लोद क्षेत्र से बाहर डायवर्ट किया जाएगा। चूंकि चंबल नदी पर राष्ट्रीय राजमार्ग का समानांतर पुल उपलब्ध है, इसलिए यातायात को सुरक्षित रूप से मोड़ा जा सकेगा, और स्थानीय यातायात के लिए भी वैकल्पिक मार्ग बनाए जाएंगे।
नए फोर लेन ब्रिज के बनने से महू-नीमच के बीच यात्रा सुगम होगी और औद्योगिक तथा सैन्य आवागमन को गति मिलेगी, जिससे आने वाले 30-40 वर्षों तक यातायात सुरक्षित और आसान रहेगा।
