उज्जैन : चक्रतीर्थ पर 4 घंटे में भी नहीं जल रहे शव

गीली लकड़ी सप्लाई करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं, लोग परेशान

उज्जैन (प्रबोध पाण्डेय)। चक्रतीर्थ पर अपने परिजनों की लाश जलाने के लिये लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर गीली लकड़ी परेशानी का सबब बन रही है तो दूसरी ओर कंडे भी गीले मिल रहे हैं। और तो और सूखी लकड़ी के बदले अतिरिक्त पैसों की डिमांड भी किये जाने की शिकायत मिली है। यह सब हो रहा है लकड़ी सप्लाई करने वाले ठेकेदार के कारण। इसके द्वारा गीली लकड़ी की सप्लाई की जा रही है।

दैनिक अग्निपथ संवाददाता ने मंगलवार को चक्रतीर्थ श्मशान घाट में व्याप्त अव्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। यहां पर 400 क्विंटल रखी हुई लकड़ी सभी गीली मिलीं। इसके साथ ही कमरे में रखे हुए कंडे भी गीले मिले। वहां पर मौजूद ट्रस्ट के कर्मचारियों से जब बात की गई तो उनका कहना था कि जिसके पास लकड़ी सप्लाई करने का टेंडर है। उसके द्वारा ही गीली लकड़ी सप्लाई की जा रही है।

प्रतिदिन तीन से चार मेटाडोर गीली लकड़ी खाली की जा रही हैं। लेकिन इनमें सूखी लकड़ी नदारद है। ऐसे में अपने परिजनों की लाश जलाने आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। ज्ञात रहे कि हैप्पी अरोरा के पास लकडिय़ां सप्लाई करने का ठेका है। चक कमेड़ में उनकी टाल है, जहां से लकडिय़ां सप्लाई की जा रही हैं।

एक से डेढ़ की जगह 4 से 5 घंटे लग रहे

अपने परिजनों की लाश जलाने आये लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना था कि हमारे आने से पहले तीन चिता और जल रही हैं। जोकि कई घंटे पहले की हैं। एक लाश को जलने में करीब 4 से 5 घंटे लग रहे हैं। जबकि एक से डेढ़ घंटे में लाश जल जाती है, लेकिन लकड़ी के गीले होने के कारण इतना समय लग रहा है। इसमें लगाये हुए कंडे भी गीले होने के कारण लोगों को मजबूरन राल का ज्यादा उपयोग करना पड़ रहा है।

जानकारी में आया है कि सोमवार को नगरनिगम के अपर आयुक्त संदीप शिवा भी चक्रतीर्थ पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने ट्रस्ट के उपाध्यक्ष हरिसिंह यादव के साथ सूखी लकड़ी देने की पेशकश की थी। करीब 400 क्विंटल सूखी लकड़ी खरीदने पर बात हुई है। मंगलवार को नगरनिगम का टाइम कीपर ट्रस्ट के अधिकारियों से मिलने पहुंचा था। लेकिन यहां पर उनको कोई नहीं मिलने के कारण सूखी लकड़ी सप्लाई की बात आगे नहीं बढ़ पायी।

नृसिंह घाट के श्मशान घाट पर भी व्यवस्था बनाएं

ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक प्रजापत ने बताया कि नृसिंह घाट पर भी श्मशान घाट बनाया गया है, लेकिन इसका उपयोग शहर वासी नहीं कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वहां पर पहुंच मार्ग भी बनवाया था। इसका उपयोग उस क्षेत्र में रहने वाले रहवासी कर सकते हैं। प्रशासन को उसका मेंटेनेंस करने के लिये कर्मचारी नियुक्त करना पड़ेंगे साथ ही यहां पर इलेक्ट्रिक शवदाह गृह भी बनाया जाना चाहिये ताकि दोनों श्मशानघाट का उपयोग किया जा सके।

ट्रस्ट के अध्यक्ष ने माना- लोगों को परेशान तो होना पड़ रहा है

चक्रतीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक प्रजापत ने बताया की दीपावली के बाद बरसात हुई है। गांव का माल कच्चे में काटकर पटक दिया गया। इसको लिफ्टिंग करने में भी समय लगा। माल आ नहीं पाया। लोगों को इससे परेशानी तो हो रही है। जो सप्लाई हो रही है वह गीली लकड़ी है। कंडे भी गीले हैं। पूर्व में छह महीने का स्टाक पड़ा हुआ था इसके कारण परेशानी नहीं आ पायी थी। मैं प्रतिदिन चक्रतीर्थ पर जाकर मौका मुआयना कर रहा हूं। खुले में लकड़ी कंडे छोड़ रखे हैं, ताकि सूख जायें। नगरनिगम से भी आफर आया है। करीब 400 क्विंटल माल खरीदने जा रहे हैं।

इनका कहना

गीली लकड़ी और कंडे के कारण लाश जलने का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ट्रस्ट को सूखी लकड़ी का इंतजाम करना चाहिये। लाश जलाने के लिये एक की जगह तीन किलो राल का उपयोग करना पड़ा है।
– किशोर जायसवाल
प्रशासन को यहां की व्यवस्थाएं ठीक करना चाहियें। लाश जलाने में समय लग रहा है।
– गौरीशंकर साद