परिजनों ने शरीर पर मारपीट के निशान देख हत्या का आरोप लगाया
उज्जैन, अग्निपथ। जीवाजीगंज थाना क्षेत्र स्थित मंगलनाथ रोड पर संचालित नव मानस नशा मुक्ति केंद्र में 6 दिन पहले शराब छोडऩे के लिए भर्ती किए गए एक युवक की शुक्रवार–शनिवार की दरमियानी रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सुबह परिजनों ने शव को नहलाने के लिए जब कपड़े उतारे तो उसके शरीर पर लाठी, बेल्ट, पट्टे अथवा लोहे के सरिए से मारपीट की निशान दिखाई दिए। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और मर्ग कायम कर शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। मामले में जांच की जा रही है।
थाना प्रभारी विवेक कनोडिय़ा ने बताया हरीश पिता ग्यारसीलाल निर्मल उम्र 41 वर्ष निवासी शंकरपुर मंगलनाथ रोड स्थित नव मानस नशामुक्ति केंद्र में भर्ती था। शुक्रवार रात उसकी मौत हो गई। मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु का असली कारण पता चलेगा। मामला जांच में लिया है।
पिता कंपाउंडर रहे, बोले-शरीर पर साधारण निशान नहीं, मारपीट हुई है
मृतक हरीश के पिता ग्यारसीलाल स्वास्थ्य विभाग में कंपाउंडर के पद से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने बताया कि बेटे के शरीर पर साधारण निशान नहीं है। लोहे के सरिए या चक्की के पट्टे से पीटने के निशान है। बेटे के साथ नशामुक्ति केंद्र में मारपीट हुई है। ये भी हो सकता है कि उसकी हत्या कर दी गई क्योंकि रात 1.30 बजे जब परिजन अस्पताल पहुंचे वो मृत अवस्था में मिला।
6 को भर्ती किया, इसके बाद बात भी नहीं करने दी
पिता ग्यारसीलाल ने बताया कि उनका बेटा 20 साल से शराब का आदी था, लेकिन एक डेढ़ साल से ज्यादा शराब पीने लगा था। इसीलिए 6 दिसंबर को बेटे को नशामुक्ति केंद्र नव मानस में भर्ती किया था। 8 दिसंबर को वे उससे मिलने के लिए केंद्र पर गए थे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया केवल स्क्रीन पर उसका बैठे हुए वीडियो दिखाया गया।
संचालक ने कहा कि नशामुक्ति केंद्र में भर्ती मरीज से इलाज पूरा होने से पहले परिजन नहीं मिल सकते हैं। इसके बाद बेटे से संपर्क नहीं हुआ। 12–13 दिसंबर की रात करीब 1 बजे दो लोग घर पर आए और उन्होंने बताया कि हरीश की तबियत खराब हो गई है उसे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया है।
जब परिजन वहां पहुंचे तो हरीश की मृत्यु हो चुकी थी। ग्यारसीलाल ने बताया कि तब तक वे सामान्य मृत्यु समझ रहे थे और उसका शव घर ले आए लेकिन जब अंतिम स्नान के लिए उसके कपड़े उतारे तो पीठ और शरीर पर मारपीट के निशान दिखाई दिए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
संचालक का कहना
चार-पांच दिन पहले हरीश ने शराब पीकर उसके घर में परिजनों से विवाद किया था इसके बाद परिजन उसे नशा मुक्ति केंद्र छोड़ कर गए थे। यहां जब नशा छुड़ाने के लिए इलाज शुरू किया तो उसे विड्रोल आया जिसमें वह अजीब सी हरकतें करने लगा था। कल रात उसने अपने कपड़े उतार दिए और अन्य मरीजों से विवाद करने लगा। फिर सर और सीने में दर्द की शिकायत करने लगा। इस पर उसे अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया था। शायद हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई होगी। हरीश के साथ मारपीट जैसी कोई बात नहीं हुई।
-उमेश वैष्णव, संचालक नव मानस, नशा मुक्ति केंद्र
