पांंच संचालकों पर लापरवाही के दो केस दर्ज
पाटीदार हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में झुलसे वृद्ध की भी बुधवार को इंदौर में मौत हो गई। आगजनी में यह दूसरे मरीज की मौत हुई है। मामले तहसीलदार व हादसे में झुलसी एक अन्य मृतिका के पुत्र की रिपोर्ट पर माधवनगर पुलिस ने हॉस्पिटल के पांच संचालकों पर दो केस दर्ज किए है।
फ्रीगंज में घासमंडी ब्रिज के पास स्थित पाटीदार हॉस्पिटल में हुई 4 अप्रैल को हुई आगजनी में आईसोलेशन वार्ड में भर्ती विवेकानंद कॉलोनी निवासी कन्हैयालाल चौरसिया (80)भी झुलस गए थे। प्रशासन ने उन्हें समीप ही स्थित गुरुनानक हॉस्पिटल में भेजा था, लेकिन घटना की रात को ही वहां से परिजन उन्हें इंदौर ग्रेटर कैलाश ले गए थे, जहां बुधवार दोपहर 2 बजे उनकी मौत हो गई।
परिजन शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार करेंगे। याद रहे घटना के समय अस्पताल में 11 कोविड सहित 83 मरीज भर्ती थे। आगजनी में चार मरीज झूलस गए थे, जिनमें से दो गंभीर थे। आगजनी की शिकार हुई सावित्रीबाई श्रीवास्तव की सोमवार रात इंदौर में मौत हो गई थी।
अस्पताल संचालक उलझे
घटना की जांच के लिए कलेक्टर आशिष सिंह ने टीम गठित की थी। रिपोर्ट में हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाहीं सामने आने पर कलेक्टर एफआईआर के निर्देश दिए थे। इसी के चलते तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने हॉस्पिटल के पांच संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट की। पुलिस ने सभी को लापरवाहीं का जि मेदार मानते हुए धारा 285,287 व 337 के तहत केस दर्ज किया। वहीं सावित्रीबाई के पुत्र संजय की रिपोर्ट पर भी केस संचालकों पर प्रकरण कायम कर दिया।
गुरुनानक हॉस्पिटल में भी लापरवाही
परिचय चौरसिया ने बताया दादा कन्हैयालाल रेलवे के सेवानिवृत अधिकारी थी। कोविड होने पर भर्ती किया था। आगजनी में 15 प्रतिशत झूलसने पर प्रशासन ने उन्हें गुरुनानक हॉस्पिटल में भर्ती किया था। लेकिन 4 अप्रैल की रात को ही गुरुनानक वालों ने व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए ले जाने का कहा। मजबूरन इंदौर ले गए और दो दिन में डेढ़ लाख खर्च करने के बाद भी लंग्स में धूआं भरने से दादा को नहीं बचा पाए। अब वह पाटीदार केस करेंगे।
इनका कहना है
पाटीदार हॉस्पिटल संचालकों के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए है। तहसीलदार की रिपोर्ट पर लापरवाही का और महिला की मौत के मामले में मर्ग रिपोर्ट के बाद उनके पुत्र की ओर से कायमी की गई है।
-मनीष लोधा, टीआई थाना माधवनगर