मुंबई। जब पूरे राष्ट्र में बड़ी संख्या में लोगों की जि़ंदगी पर कोरोना वायरस महामारी का खतरा मंडरा रहा है, तब पश्चिम रेलवे ने सुरक्षा के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करने में सभी बाधाओं को पार कर अनूठा कार्य निष्पादन किया है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद शानदार उपलब्धियां हासिल करने के लिए रेल सुरक्षा बल द्वारा किये गये उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, पश्चिम रेलवे के के लिए विविध गतिविधियों से भरपूर रहा है और विभिन्न विभागों ने कोरोना जैसे घातक वायरस से निर्णायक लड़ाई में अपनी सीमा से परे जाकर प्रमुख भूमिका निभाई है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने भी प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त पीसी सिन्हा के नेतृत्व में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान असाधारण कार्यों का प्रदर्शन किया है। पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल कर्मचारियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान रेलवे स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंद और गरीब लोगों को भोजन के 3,43,108 पैकेट वितरित किये गये और अन्य आवश्यक सहायता भी प्रदान की गई। रेल सुरक्षा बल ने 1332 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और मालगाडिय़ों के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे और राज्य प्रशासन के बीच एक महत्त्वपूर्ण सेतु का काम किया।
महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता
पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल द्वारा महिला यात्रियों को उनकी पूरी ट्रेन यात्रा के दौरान समुचित सुरक्षा प्रदान करने के लिए मेरी सहेली नामक अनोखी पहल की गई। इस पहल के अंतर्गत आरपीएफ की महिला अधिकारी और कर्मचारियों की टीम महिला यात्रियों की पहचान करने के लिए महिला डिब्बों सहित सभी यात्री डिब्बों का दौरा करती है। उनकी यात्रा का विवरण जैसे कोच नंबर और सीट नंबर टीम द्वारा नोट किया जाता है, विशेषकर यदि कोई महिला ट्रेन में अकेली यात्रा कर रही है।
इस पहल को 7 ट्रेनों में लागू किया गया है। 52 महिलाओं और घर से भागे अथवा बिछड़े 230 बच्चों को पश्चिम रेलवे के उनके माता-पिता से मिलवाया गया। रेल पटरियों को पार करने की खतरनाक बुराई के खिलाफ मुंबईकरों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ऑपरेशन यमराज चलाया गया।
752 दलालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
ठाकुर ने बताया कि जून, 2020 के बाद से ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने के साथ, आरपीएफ कर्मचारियों ने ई-टिकटों की दलाली से निपटते हुए रेलवे प्रणाली और इसके यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में असाधारण प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। रेल अधिनियम की धारा 143 के तहत दलाली करने वाले, अवैध टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाले और अवैध टिकट बेचने वालों पर मुकदमा चलाने पर विशेष जोर दिया गया। इस अवधि के दौरान 752 दलालों को गिरफ्तार किया। जो पिछले साल से 8 प्रतिशत अधिक है। इनसे 53,89,054 रु.के अग्रिम यात्रा टिकट जब्त किए।