उज्जैन, अग्निपथ। संयुक्त संचालक रमा नाहटे ने जिले के सभी प्राचार्यों के साथ परीक्षा परिणाम को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक के प्रथम चरण में हाई स्कूल परीक्षा परिणाम में राज्य के औसत 73 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले 50 स्कूलों की ‘वन टू वन’ समीक्षा की गई। इस दौरान प्राचार्यों से पिछले वर्ष कम परिणाम रहने के कारणों और आगामी सत्र के लिए उनकी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस वर्ष रिजल्ट 80 से 90 प्रतिशत
समीक्षा के दौरान अधिकांश स्कूलों ने कम परिणाम के पीछे समान कारण गिनाए, जिनमें अतिथि शिक्षकों का समय पर उपलब्ध न होना और विद्यार्थियों की कम उपस्थिति प्रमुख रूप से शामिल रहे। इन तर्कों पर संयुक्त संचालक सुश्री नाहटे ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि उपलब्ध संसाधनों के भीतर ही बेहतर परिणाम देना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस वर्ष जिले के सामने बड़ी चुनौती है, क्योंकि पिछला रिजल्ट 80 प्रतिशत रहा था। इस स्तर को बनाए रखने या 90 प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए इन कम परीक्षा फल वाले स्कूलों के प्रदर्शन में सुधार होना अनिवार्य है।
बैठक में एडीपीसी गिरीश तिवारी ने उन स्कूलों से उनकी ‘गुड प्रैक्टिस’ के बारे में जानकारी ली जिन्होंने 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम प्राप्त किया था। सफल प्राचार्यों ने बताया कि प्रश्न बैंक का उपयोग, स्टूडेंट प्रोफाइल तैयार करना, निदानात्मक (रेमेडियल) कक्षाएं संचालित करना और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान देने जैसी कार्ययोजनाओं के पालन से सफलता मिली। बैठक के समापन पर प्रभारी डीईओ महेंद्र खत्री ने भी उपस्थित प्राचार्यों को संबोधित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
